महाराष्ट्र की पारंपरिक मिठाई : पूरन पोली रेसिपी,maharashtrian traditional dessert

महाराष्ट्र की रसोई में जब पारंपरिक मिठाइयों की बात होती है, तो पूरन पोली का नाम सबसे पहले लिया जाता है। यह एक खास त्योहारी डिश है जो खासतौर पर होली, गणेश चतुर्थी और गुड़ी पड़वा जैसे शुभ अवसरों पर बनाई जाती है। नरम गेंहू की रोटी के अंदर मीठे चने की दाल और गुड़ का भरावन इस व्यंजन को स्वाद और संस्कृति का मेल बनाता है। यह न केवल महाराष्ट्र, बल्कि दक्षिण भारत और गुजरात में भी अलग-अलग रूपों में लोकप्रिय है आइए जानते हैं कि कैसे बनाएं महाराष्ट्र की मीठी पारंपरिक डिश पूरन पोली।

महाराष्ट्र की मीठी डिश पूरन पोली बनाने की  आवश्यक सामग्री – (4-5 पूरन पोली के लिए)
1) भरावन (पूरन) के लिए

  • चना दाल – 1 कप
  • गुड़ – 3/4 कप (कद्दूकस किया हुआ)
  • इलायची पाउडर – 1/2 छोटा चम्मच
  • जायफल पाउडर – 1/4 छोटा चम्मच (वैकल्पिक)
  • घी – 1 छोटा चम्मच

पूरन पोली बनाने के लिए आटे की तैयारी

  • गेहूं का आटा – 1 कप
  • मैदा – 1/4 कप (नरमी के लिए)
  • हल्दी – 1/4 छोटा चम्मच
  • तेल – 2 छोटा चम्मच
  • पानी – गूंदने के लिए
  • घी – सेंकने के लिए

पूरन पोली बनाने की विधि
स्टेप 1 – दाल पकाना

चना दाल को 4-5 घंटे भिगोकर प्रेशर कुकर में 3 सीटी तक पका लें। अतिरिक्त पानी निकालकर दाल को मैश करें या मिक्सर में दरदरा पीस लें।

स्टेप 2 – पूरन यानी भरावन तैयार करना
एक कढ़ाही में घी गरम करें, उसमें पकी दाल और गुड़ डालें। मध्यम आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं जब तक मिश्रण सूख न जाए और हल्का गाढ़ा हो जाए। इलायची और जायफल पाउडर डालकर ठंडा होने दें।

स्टेप 3 – पूरन पोली का आटा गूंथना
गेहूं का आटा, मैदा, हल्दी और तेल मिलाकर मुलायम आटा गूंथ लें। इसे 20 मिनट ढककर रख दें।

स्टेप 4 – पूरन पोली बेलना
आटे की छोटी लोई लें, उसमें पूरन भरें और ध्यान से बंद करके हल्के हाथों से बेल लें। बहुत पतला न करें नहीं तो फटेगा।

स्टेप 5 – पूरन पोली सेंकने की विधि
तवा गरम करें। दोनों तरफ से पूरन पोली को धीमी आंच पर सेंकें। घी लगाकर सुनहरा होने तक सेंकें।

विशेष है पूरन पोली को सर्व करने का तरीका
पूरन पोली को गरम-गरम घी के साथ या कटोरी में दूध या शुद्ध घी के साथ परोसा जाता है। कुछ लोग इसे आमरस या टूप (घी+दूध+गुड़) के साथ भी पसंद करते हैं।

पूरन पोली को और स्पेशल बनाने के टिप्स

  • दाल को सही तरह से पकाएं ताकि वह नरम रहे और पूरन चिकना बने।
  • बेलते समय पूरन बाहर न निकले इसके लिए आटे की लोई को पर्याप्त मोटा रखें।
  • चाहें तो शुद्ध गेहूं के आटे की जगह मैदा भी का प्रयोग कर सकते हैं।

विशेष – पूरन पोली केवल एक मिठाई नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान है। इसका स्वाद पारंपरिकता और अपनापन दोनों का अनुभव कराता है। यदि आपने इसे कभी नहीं चखा, तो अगली बार किसी त्यौहार या रविवार को इसे जरूर ट्राई करें।

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