Maharashtra Politics : गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी बवाल मचा दिया है। जिसके चलते अब अमित शाह और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच वाद-विवाद खुले तौर पर शुरू हो गया है। पहले अमित शाह ने शरद पवार को ‘भ्रष्टाचार का सरगना’ कहा था। अब शरद पवार ने पलटवार करते हुए अमित शाह से जुड़ा सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला याद दिलाया। उन्होंने कहा कि अमित शाह को कानून का दुरूपयोग करने के दोष में गुजरात से निष्कासित कर दिया गया था।
भ्रष्टाचार का सरगना हैं शरद पवार – अमित शाह (Maharashtra Politics)
पिछले सप्ताह, 21 जुलाई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) महाराष्ट्र के पुणे में भाजपा के एक सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। वहां उन्होंने राज्य के उपमुख्यमंत्री व एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भ्रष्टाचार का सरगना कहा था। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते होते कहा था, ‘ये लोग (विपक्ष) भ्रष्टाचार के बारे में बोल रहें हैं। देश की राजनीति में शरद पवार सबसे बड़े सरगना हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है। अब वे हम पर आरोप लगाएंगे। लेकिन भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाने का काम किसी ने किया है, तो वह आप ही हैं, शरद पवार।’
इन्हें गुजरात से निकाला गया था – शरद पवार
अमित शाह के ‘भ्रष्टाचार का सरगना’ वाले बयान से महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) में सियासी विवाद बढ़ गया है। अब उनके इस बयान पर खुद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख व उपमुख्यमंत्री शरद पवार (Deptuy CM Sharad Pawar) ने पलटवार किया है। शरद पवार ने अमित शाह को उनसे जुड़े साल 2010 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश की याद दिलाई। इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने अमित शाह को गुजरात के कानून का दुरुपयोग करने के लिए गुजरात से निर्वासित कर दिया था।
गृह राज्य से निष्कासित व्यक्ति गृहमंत्री – शरद पवार
महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) के पूर्व मुख्यमंत्री व NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ दिन पहले मुझे कुछ बातें कहीं थी। उन्होंने मुझे ‘भ्रष्टाचार का सरगना’ कहा था। अजीब बात है कि गृह मंत्री एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने गुजरात के कानून का दुरुपयोग किया और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गुजरात से निर्वासित कर दिया। जिसे अपने गृह राज्य से निकाल दिया गया, वह आज गृह मंत्री है। इसलिए हमें सोचना चाहिए कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। जिन लोगों के हाथों में यह देश है, वे किस तरह गलत रास्ते पर जा रहे हैं, हमें इस बारे में सोचना चाहिए; मुझे 100% भरोसा है कि वे देश को गलत रास्ते पर ले जाएंगे। हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।”
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किस मामले में निर्वासित हुए थे अमित शाह
गौरतलब है कि साल 2010 में भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह को उनके ही गृह क्षेत्र गुजरात से दो वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में यह आदेश सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गुजरात से दो साल के लिए निर्वासित होने का आदेश दिया था। साल 2014 में अमित शाह इस मामले से बरी हो गए थे।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का शोर (Maharashtra Politics)
महाराष्ट्र (Maharashtra Elections) में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अक्टूबर माह में नई सरकार का चुनाव होगा। प्रदेश के महायुती गठबंधन और महाविकास आघाड़ी गठबंधन दोनों ही चुनाव की तैयारी जुट गए हैं। चुनाव में भाजपा की मजबूत रणनीति तय करने के लिए अमित शाह महाराष्ट्र आए थे। महायुति गठबंधन में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी है। जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस, उद्धव बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी है। अब अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भी महाविकास आघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है।
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