Maharashtra politics : महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन ‘महायुति’ के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। शुरू में जब सरकार बनी थी, तब मुख्यमंत्री पद को लेकर देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच तनातनी हुई थी। उसके बाद से ही दोनों दलों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद चल रहा है। अब स्थिति इतनी खराब हो गई है कि इसे छुपाना मुश्किल हो रहा है। महाराष्ट्र के कई जिलों में सरकार के घटक दल ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। कुछ जगहों पर विपक्षी दलों ने भी सत्ताधारी दलों का साथ दिया है।
महाराष्ट्र में फिर शुरू हुआ सियासी संग्राम
महाराष्ट्र में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ में लड़ने वाले साथियों के बीच नगर निकाय चुनाव लड़ने की वजह बन रहे हैं। पहले महाविकास अघाड़ी और अब महायुति में भी मनमुटाव साफ दिखने लगा है। शनिवार को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर उनके कार्यकर्ताओं को परेशान किया गया या अन्याय हुआ, तो उनका गुस्सा झेलना पड़ेगा।
एकनाथ शिंदे बोले- गलत किया तो छोड़ेंगे नहीं
सतारा के फलटण में एक रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा अन्याय करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को चाहिए कि गैरकानूनी काम न करें। झूठी शिकायतों पर ध्यान न दें। अगर कोई दबाव बनाता है तो उसके आगे न झुके। अगर कोई उनके कार्यकर्ताओं के साथ गलत करता है, तो उसका भी जवाब दिया जाएगा। शिंदे ने कहा कि उन्हें पता है कि कौन क्या कर रहा है। वे चुप हैं और किसी को परेशान नहीं करते। लेकिन यलगरा कोई उनके साथ गलत करता है, तो वह उसे छोड़ेंगे नहीं।
एकनाथ शिंदे गुट ने एनसीपी से मिलाया हाथ
महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी उलझन तब खड़ी हो गई जब नासिक के येओला नगर परिषद और कुर्डूवाडी नगर परिषद के चुनाव में एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ हाथ मिलाया। वहीं, शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे ने एक ऐसा सवाल किया है, जिसने महायुति टूटने की खबरों को और हवा दे दी है।
श्रीकांत शिंदे ने किया 2 दिसंबर का जिक्र
दरअसल, बीजेपी के वरिष्ठ नेता रवींद्र चव्हाण ने कहा था कि उन्हें महायुति को 2 दिसंबर तक बचाने की जिम्मेदारी दी गई है। इस पर श्रीकांत शिंदे ने पलटवार किया और पूछा, “रवींद्र चव्हाण को यह बताना चाहिए कि 2 दिसंबर के बाद भी बीजेपी गठबंधन जारी रखना चाहती है या नहीं।” उनके इस बयान ने देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे गुट के बीच की खींचतान को उजागर कर दिया है।
श्रीकांत शिंदे बोले- “आगे भी गठबंधन रखना है या नहीं?”
चुनावी प्रचार के दौरान मीडिया से बातचीत में श्रीकांत शिंदे ने इस रार को माना। जब उनसे 2 दिसंबर तक गठबंधन को बचाने की बात का मतलब पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या कहा। आप ही पूछिए कि आगे भी गठबंधन जारी रखना है या नहीं।” इस जवाब से साफ है कि शिवसेना शिंदे गुट भी इस गठबंधन के भविष्य को लेकर अनिश्चित है।
बता दें कि 2 दिसंबर को महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनाव होने हैं। विश्लेषक मानते हैं कि इन चुनावों के बाद महायुति में बड़े बदलाव हो सकते हैं। यह गठबंधन टूट भी सकता है।
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