लोकसभा चुनाव 2024 के बाद महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी भूचाल (Maharashtra political turmoil) आ सकता है। राज्य में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटिल 25 जून को NCP(शरद पवार गुट) में शामिल हो गईं। पाटिल ने 22 जून को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह 2014 में NCP से बीजेपी में शामिल हुई थीं। इस पर मचे सियासी घमासान के बीच शरद पवार ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि जो नेता पार्टी की छवि खराब नहीं करेंगे, उन्हें पार्टी में वापस लिया जाएगा।

मीडिया से बात करते हुए NCP नेता शरद पवार ने कहा कि जो विधायक संगठन को मजबूत करने में मदद करेंगे या जिन्होंने पार्टी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाया है, उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा।

“जो लोग पार्टी को कमज़ोर करना चाहते हैं, उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा। लेकिन उन नेताओं को शामिल किया जाएगा जो संगठन को मज़बूत करने में मदद करेंगे और पार्टी की छवि को नुकसान नहीं पहुँचाएँगे।”

शरद पवार की इस प्रतिक्रिया के बाद महाराष्ट्र में अजित पवार गुट में हलचल मच गई है. आजतक से जुड़े अभिजीत करांडे की रिपोर्ट के मुताबिक अजित पवार गुट के प्रवक्ता और विधायक अमोल मिटकरी ने इस बारे में कहा,

“शरद पवार साहब का यह बयान लोगों और हमारे कार्यकर्ताओं में भ्रम फैलाने के लिए दिया गया है। इसमें कोई तथ्य नहीं है। हमारे विधायक हमारे साथ मजबूती से खड़े हैं। किसी के कहीं जाने की कोई संभावना नहीं है।”

लोकसभा चुनाव के नतीजों में शरद पवार की पार्टी को बड़ी सफलता मिली है. चुनाव में एनसीपी ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जिसमें से उसने 8 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं, अजित पवार की पार्टी ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन पार्टी सुनील तटकरे की रायगढ़ सीट को छोड़कर किसी भी सीट पर जीत हासिल करने में सफल नहीं रही. यहां तक ​​कि अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार भी बारामती सीट नहीं जीत पाईं. पार्टी ने उन्हें फिर से राजनीति में लाने के लिए अब राज्यसभा भेज दिया है. लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि कौन से विधायक शरद पवार की NCP में जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो इस बार जनता ने राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) और बीजेपी को पसंद नहीं किया. अजित पवार की पार्टी को महज 3 से 3.5 फीसदी वोट मिले. रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी की एक आंतरिक बैठक में भी इस बात का जिक्र हुआ. शरद पवार की पार्टी के नेता और विधायक रोहित पवार ने दावा किया है कि अजित पवार के साथ अभी जो 40 विधायक हैं, उनमें से मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र के विधायक अलग होने का फैसला कर सकते हैं.

शरद पवार का दरवाजा किसके लिए बंद है?

NCP में फूट के बाद कई बड़े नेताओं ने शरद पवार पर निजी हमला बोला था। इनमें उनके भतीजे अजित पवार, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील तटकरे, वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और अजित पवार के करीबी धनंजय मुंडे शामिल थे, जिनके बीजेपी से अच्छे संबंध हैं। इसके अलावा मंत्री पद की शपथ लेने वाले नेताओं पर भी शरद पवार की पार्टी के नेताओं ने हमला बोला था। वे भी इस लिस्ट में शामिल हैं।

अजीत पवार के सामने है चुनौती

राज्य में ढाई महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा का सत्र अभी बाकी है, और बजट भी पेश होना है। रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों की प्राथमिकता इन दो महीनों में अपने विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा विकास बजट मंजूर करवाना है। अजित पवार महाराष्ट्र के वित्त मंत्री हैं। इसका मतलब है कि विधायकों को फिलहाल अजित पवार की जरूरत है। लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे और सीट शेयरिंग की बातचीत शुरू होगी, उन्हें लोगों को अपने साथ बनाए रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। फिलहाल अजित पवार के साथ 40 विधायक हैं। इसके अलावा तीन सांसद भी हैं। वहीं शरद पवार के पास 13 विधायक और 8 सांसदों का समर्थन है।

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