Maharashtra Fadanvis Cabinet : महाराष्ट्र में कुछ भी ठीक नहीं है। बड़ी मुश्किल से महायुति सरकार ने मुख्यमंत्री पद का चुनाव किया और फडणवीस की ताजपोशी सफलतापूर्वक की। अब कैबिनेट के बंटवारे में फिर से सियासत फंसी हुई है। शिवसेना और एनसीपी को खुश करना भाजपा के लिए सिर दर्द बन गया है। 14 दिसंबर को कैबिनेट विस्तार की संभावना के बीच में बुधवार को अचानक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे हैं। जो यह साफ बयां करता है कि महायुति में टेंशन अभी भी चल रही है।
मंत्रिमंडल के विस्तार पर सस्पेंस | Maharashtra cabinet expansion
महाराष्ट्र में महायुति सरकार का गठन हो गया, देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली। लेकिन फिर भी भाजपा का सिर दर्द खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। आखिर मुख्यमंत्री फडणवीस के मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा? इस पर सस्पेंस बना हुआ है। महायुति में सीएम पद की खिंचतानी के बाद अब गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बंटवारे को लेकर मंत्रिमंडल का विस्तार रुका हुआ है। बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इसी सिलसिले में दिल्ली गए हैं।
गृह और वित्त मंत्रालय पर फंसा पेंच | Maharashtra Fadanvis Cabinet
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके एकनाथ शिंदे की शिवसेना गृह मंत्रालय चाहती है। जिसके लिए भाजपा शुरू से ही तैयार नहीं है। वहीं वित्त मंत्रालय पर भी शिवसेना और एनसीपी दोनों की नजर है। ये दोनों ही मंत्रालय भाजपा अपने पास ही रखना चाहती है। क्योंकि इन दोनों मंत्रालयों से मुख्यमंत्री की कुर्सी मजबूत बनी रहती है। ऐसे में शपथ के बर्फ भी फडणवीस का मंत्रिमंडल विस्तार अधर में लटका हुआ है।
गृह मंत्रालय चाहते हैं एकनाथ शिंदे | eknath shinde demand Home ministry
अगर बात एकनाथ शिंदे की करें तो उन्होंने किसी तरह मुख्यमंत्री पद से तो समझौता कर लिया लेकिन अब मंत्रालयों की मांग से पीछे नहीं हटना चाहेंगे। शिंदे अच्छी तरह से जानते हैं कि किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री के बाद अगर कोई बड़ा विभाग होता है तो गृह मंत्रालय ही है। राज्य की पुलिस को सीधे गृह मंत्रालय ही कंट्रोल करता है। पुलिस विभाग गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है। इस लिहाज से शिंदे का पीछे हटना या फिर से समझौता करना मुश्किल जान पड़ता है।
आखिर क्यों जायज है शिंदे की मांग
अगर आप ये सोच रहें हैं कि मुख्यमंत्री पद की तरह एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय की रट भी छोड़ देंगे तो ऐसा सोचना जल्दबाजी होगी। क्योंकि जब पिछली महायुति सरकार बनी थी और शिंदे मुख्यमंत्री बने थे तब उपमुख्यमंत्री पद को स्वीकार करते हुए भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने गृह मंत्रालय के साथ वित्त मंत्रालय अपने पास ही रखा था। ऐसे में अब जब सीएम की कुर्सी फडणवीस को मिली है और डिप्टी सीएम शिंदे बने हैं तो वह भी गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय अपने पास रखने की मांग कर रहें हैं। देखा जाए तो यह जायज मांग भी है। हालांकि भाजपा गृह मंत्रालय देने के पक्ष में नहीं है।