Maharashtra Election Result 2024: महायुती या NDA की जीत? मराठा वोटर्स पर भारी पड़ा BJP का OBC कार्ड

Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। राज्य में 145 सीटों के बहुमत के आंकड़े को पार कर 227 सीटों से बढ़त के साथ महायुती के सिर पर जीत का सेहरा बंध सज गया है। लेकिन क्या वाकई यह जीत महायुती सरकार की है या फिर एनडीए सरकार का ओबीसी फैक्टर जीत का असली कारण है? अगर, महाराष्ट्र में महायुती गठबंधन के अंदर तीनों दलों को मिल रहीं सीटों का आंकलन करें तो सुनिश्चित तौर पर यह केवल एनडीए की ही जीत है। महाराष्ट्र चुनाव में अकेले भाजपा ने 145 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसमें से 130 सीटों पर जीत की ओर अग्रसर है। महाराष्ट्र में हिंदुत्ववादी सोच व ओबीसी फैक्टर के दम पर भाजपा का चुनाव जीतने का लंबा संघर्ष आज कामयाब हो गया।

महायुती में भाजपा की सीटें ज्यादा

चुनाव के परिणाम के रुझानों की बात करें तो महायुती गठबंधन में 131 सीटों पर भाजपा, 55 सीटों पर एकनाथ शिंदे की शिवसेना और 40 सीटों पर एनसीपी चल आगे चल रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में महायुती 229 सीटों के साथ आगे है और विपक्षी दलों के महाविकास अघाड़ी गठबंधन 51 सीटों पर ही सिमट गया है। वहीं अन्य दलो के खाते में केवल आठ सीटें ही जाती दिख रही है। निर्विवाद इस चुनाव में जीत भाजपा के पाले में जा चुकी है। जीत का असर भाजपा दफ्तरों में दिखाई दे रहा है। भाजपा कार्यालयों में मिठाईयां बंटना सुबग दस बजे से ही शुरू हो चुका है।

महाराष्ट्र में जीत गई भाजपा स्ट्रैटजी (Maharashtra Election Result 2024)

महाराष्ट्र में बीजेपी की यह जीत एकमात्र विजेता पार्टी के ओर इशारा कर रही है। बीजेपी ने यहां हिंदू और ओबीसी वोटर्स पर फोकस बनाकर चुनाव लड़ा था। क्योंकि बीजेपी को कहीं न कहीं पता था कि मराठा वोटर्स के बंटने का डर है। इसलिए भाजपा ने पहले से ही जीत के लिए वोटर्स का आंकलन कर लिया था। हालांकि एकनाथ शिंदे अजीत पवार ने क्रमानुसार 55 और 40 सीटें जीतकर यह पुष्टि कर दी है कि एनडीए सरकार से कुछ मराठा वोटर्स की नाराजगी अब दूर हो चुकी है। लेकिन बीजेपी का ओबीसी वोटर्स फैक्टर यहां सबसे ज्यादा काम आया। क्योंकि महाराष्ट्र के मुंबई जैसे शहरों में पिछडे़ समुदाय के लोगों का आबादी ज्यादा है। ऐसे में ओबीसी वोटों को भाजपा ने अपनी तरफ मोड़ने का काम पहले ही शुरू कर दिया था।

हरियाणा का ओबीसी फैक्टर आया काम

महाराष्ट्र में भाजपा ने हरियाणा की चुनावी टैक्टिनक अपनाई है। हरियाणा चुनाव में भी सभी ने देखा था कि भाजपा ने ओबीसी और हिंदू वोटर्स को साधकर ही वोटें जोड़ी थीं। भाजपा की इस रणनीति ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स को भी हैरान कर दिया है। बीजेपी जिस तरह हिंदू और ओबीसी को सामने रख कर चुनाव लड़ रही है, उससे राजनीति की दिशा तेजी से बदल गई है। जिसका असर महाराष्ट्र में भी देखने को मिला। महाराष्ट्र मराठाओं से जाना जाता है। लेकिन यहां मराठा समुदाय पर ओबीसी वोटें भारी पड़ गई है। यह बड़ा बदलाव भाजपा ने कर दिखाया है।

मराठा पर भारी पड़े भाजपा के ओबीसी वोटर्स (Maharashtra Election Result 2024)

महाराष्ट्र में बीजेपी यह अच्छी तरह जानता थी कि बाला साहेब की शिवशेना को तोड़ने के बाद मराठा वोटर्स में नाराजगी रहेगी। हालांकि भाजपा ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ मिलकर मराठाओं को मनाने का काम किया लेकिन ओबीसी समुदाय और हिंदू मतदाताओं को एक करने की रणनीति पर अधिक बल दिया। इसी चुनावी नीति के तहत महाराष्ट्र में पीएम मोदी ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और सीएम योगी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था। इससे भाजपा को फायदा यह मिला कि मराठा मतदाताओं को मनाने के बीच हिंदू और ओबीसी वोटर्स बंटे नहीं बल्कि एक होकर भाजपा को वोट दें।

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