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Maharashtra CM Devendra Fadanvis : भाजपा में फडणवीस के नाम पर अड़चन, CM बने तो होगा 2014 जैसा हाल

Maharashtra CM Devendra Fadanvis : महाराष्ट्र में दो दिनों के भीतर महायुती सरकार का गठन होगा। शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने नई सरकार के जल्द गठन होने का संकेत दे दिया है। साथ ही यह भी लगभग तय माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद का मसला भी सुलझ चुका है। अब एकनाथ शिंदे और अजीत पवार दोनों ने ही मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी हठ छोड़कर भाजपा के शीर्ष नेता पीएम मोदी और अमित शाह के निर्णय पर सहमति जता दी है। ऐसे में देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने का रास्ता क्लियर माना जा रहा है। लेकिन भाजपा ने अभी तक फडणवीस के नाम पर मुहर नहीं लगाई है। इससे असमंजस की स्थिति अभी भी बनी हुई है। 

बैठक के बाद भी सीएम कौन पर प्रश्न चिन्ह

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के फॉर्मूले को लेकर दिल्ली में गुरुवार को हुई महायुती की अंतिम बैठक के बाद भी माना जा रहा था कि भाजपा अब मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगा देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। महायुती गठबंधन दलों के नेता एकनाथ शिंदे और अजीत पवार भी सीएम उम्मीदवारी के दावे से पीछे हट गए और महायुती की बैठक भी सकारात्म ढंग से पूरी हो गई, फिर भी भाजपा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री घोषित करने में काफी वक्त ले रही है। 

सीएम के ऐलान में भाजपा कर रही देरी

भाजपा के नेताओं के साथ अब शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने यह भी साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। पीएम मोदी महाराष्ट्र के नए सीएम की औपचारिक घोषणा करेंगे। यही कारण है कि भाजपा ने सीएम पद को लेकर अभी भी स्थिति संदेहपूर्ण रखी है। 

भाजपा में फडणवीस के नाम पर अड़चन (Maharashtra CM Devendra Fadanvis) 

महाराष्ट्र में महायुती सरकार के गठन में केवल मुख्यमंत्री पद के निर्णय को लेकर देरी हो रही है। भले ही अजीत पवार और एकनाथ शिंदे अब सीएम रेस से खुद को बाहर कर चुके हैं लेकिन फिर भी भाजपा देवेंद्र फडणवीस को सीएम कुर्सी पर बैठाने से डर रही है। फडणवीस के सीएम बनने में जातिगत अड़चन सबसे बड़ी है। जिसका कारण है कि वह ब्राह्मण समुदाय से आते हैें। जबकि महाराष्ट्र में भाजपा के अधिकतकर विधायक मराठा समुदाय से हैं। वहीं महायुती के विधायक भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक मराठा को ही बैठाना चाहते हैं। ऐसे में बीजेपी के सामने यह सबसे बड़ी दुविधा है कि अगर फडणवीस को सीएम पद देते हैं तो मराठा विधायकों के बगावत करने का खतरा मंडराता रहेगा। इसका असर महायुती गठबंधन पर भी पड़ सकता है। भाजपा यह अच्छी तरह जानती है कि सरकार बनाए रखने के लिए महायुती को मजबूत करना जरूरी है।

2014 मेें फडणवीस को लेकर बिगड़ गया था मामला (Maharashtra CM Devendra Fadanvis )

गौरतलब है कि 2024 में देवेंद्र फडणवीस को लेकर मराठा समुदाय भाजपा से नाराज हो गए थे। जिसका खामियाजा भाजपा ने काफी उठाया। उस समय मराठा नेता मनोज जरांगे-पाटिल ने आरक्षण आंदोलन के दौरान फडणवीस को मराठा-द्वेषी कहा था। पार्टी फिर से महाराष्ट्र में भाजपा के आंतरिक हालात खराब नहीं करना चाहती है। इसलिए अमित शाह ने कोई भी निर्णय लेने से पहले भाजपा महासचिव विनोद तावड़े से विचार-परमार्श मांगा है।

महाराष्ट्र में मिलेंगे दो डिप्टी सीएम

हालांकि यह यह तय हो गया है कि महाराष्ट्र में इस बार भी उपमुख्यमंत्री के दो पद रखे जाएंगे। अगर मुख्यमंत्री पद भाजपा को मिलता है तो डिप्टी सीएम का पद अजीत पवार और एकनाथ शिंदे को मिलेगा। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करेंगे। वह अपनी जगह अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाने की सोच रहे हैं। इस तरह एकनाथ शिंदे केंद्र सरकार में जाने का निर्णय ले सकते हैं। 

शिंदे बेटे को बना सकते हैं डिप्टी सीएम

बता दें कि महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल में 42 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। मंत्रिमंडल में भाजपा के 22, शिवेसना के 12 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 10 विधायकों को विभाग दिया जा सकता है। एकनाथ शिंदे गृह और शहरी विकास विभाग की मांग कर रहे हैं।

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