Sambhal Jama Masjid Survey : संभल के शाही जामा मस्जिद विवाद के सर्वे को लेकर हंगामा काफी बढ़ गया है। यहां उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया। इस बीच पुलिस अब आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटी है। वहीं शाही जामा मस्जिद विवाद के मुख्य याचिकाकर्ता और केला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि महाराज ने मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने यहां मंदिर होने के दावे के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
विक्रम संवत 987 का नक्शा। Sambhal Jama Masjid Survey
याचिकाकर्ता महंत ऋषिराज गिरि का दावा है कि उनके पास एक नक्शा है, जो विक्रम संवत 987 का है। इस नक्शे में पूरा संभल जिला अंकित है। इस नक्शे में संभल के 68 तीर्थ स्थलों का जिक्र है। इसके साथ ही 19 कुओं का भी जिक्र है। महंत ऋषिराज गिरि का दावा है कि इन 19 कुओं में से एक कुआं वर्तमान शाही जामा मस्जिद के अंदर है, जो पहले श्री हरिहर मंदिर हुआ करता था। बाबर ने मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई थी।
किताबों में भी मंदिर का जिक्र। Sambhal Jama Masjid Survey
महंत ऋषिराज गिरि का यह भी दावा है कि मस्जिद के अंदर आज भी ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं, जिनसे यह साबित होता है कि शाही जामा मस्जिद पहले श्री हरिहर मंदिर हुआ करती थी। इसके अलावा महंत ऋषिराज गिरि का दावा है कि बाबरनामा पुस्तक में भी यहां मंदिर होने का जिक्र है। इसके साथ ही महंत ऋषिराज गिरि ने एक और पुस्तक का जिक्र किया है और उस पुस्तक के आधार पर उन्होंने दावा किया है कि यहां पहले श्री हरिहर मंदिर हुआ करता था।
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पूजा-अर्चना के लिए याचिका दायर करेंगे
महंत ऋषिराज गिरि का कहना है कि वह कोर्ट में याचिका दायर करेंगे और कोर्ट से शाही जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने और हिंदुओं को वहां पूजा-अर्चना करने की इजाजत देने का अनुरोध करेंगे। याचिकाकर्ता महंत ऋषिराज गिरि का कहना है कि संभल की शाही जामा मस्जिद में हुई हिंसा निंदनीय है। दंगाई स्थानीय निवासी नहीं थे, उन्हें दूर से वहां बुलाया गया था। इसका मतलब यह है कि जो हिंसा हुई, वह सुनियोजित तरीके से की गई। महंत ऋषिराज गिरि का कहना है कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है और मुस्लिम पक्ष को भी कोर्ट पर भरोसा रखना चाहिए। कोर्ट जो भी आदेश देगा, उसका पालन किया जाना चाहिए।