MADHYPRADESH: मध्यप्रदेश के रहस्यमई शिव मंदिर, जहां छुपे हुए हैं कई राज़

MP MOST MYSTERIOUS SHIV TEMPLES

‘मंदिर’ ये शब्द सुनते ही एक भव्य इमारत नजरों के सामने आती है जहां पत्थरों से बनी भगवान की मूर्ति रखी हुई होती है और लोग उनकी पूजा करते हैं लेकिन हिन्दू धर्म में मंदिर की परिभाषा ही कुछ और है। ‘मंदिर’ एक ऐसा धर्म स्थल जहां श्रद्धालु ना केवल पूजा-अर्चना करने जाते है बल्कि उनके लिए मंदिर शांति,श्रद्धा,भावना और ज्ञान का प्रतीक है। यूं तो हर मंदिर अलौकिक है क्यूंकी उस मंदिर में आराध्य विराजमान होते हैं और हर देवी-देवता दैवीय शक्तियों के ज्ञाता हैं। लेकिन कुछ मंदिरों की कथाएं अपने निर्माण और दैवीय चमत्कार के लिए जानी जाती हैं। जिसका एक बड़ा भाग मध्यप्रदेश की धरती से जुड़ा हुआ है। भारत के मध्य मे बसा ये राज्य धार्मिक क्षेत्र मे कई रहस्य समेटे हुए है। इस राज्य में देश विदेश से लोग धर्म की परिभाषा सीखने आते हैं।

DEVTALAB: एक रात में बन कर तैयार हुआ महादेव का ये भव्य मंदिर

कल्पना करिए आप रात में गहरी नींद मे सो रहें हों और सुबह आँख खुलते ही एक भव्य इमारत आप के घर के सामने प्रकट हो जाए। ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश मे हुआ था। मध्यप्रदेश के रीवा जिले में स्थित महादेव का ये मंदिर अपने निर्माण को लेकर हमेशा सुर्खियों मे रहा है। कथाएं हैं की ये मंदिर एक रात मे बन कर अचानक प्रकट हो गया था इस मंदिर के आस पास कई तालाब हैं जिसके बाद उस स्थान का नाम देवतालाब रखा गया। मान्यता है की महर्षि मार्कन्डेय ने इस स्थान पर भवन शिव की तपस्या की थी उसनी तपस्या से प्रसन्न हो कर भगवान शिव ने भगवान विश्वकर्मा जी को इस स्थान पर मंदिर बनाने की आज्ञा दी थी। मंदिर मे 5 शिवलिंग है साथ ही माँ पार्वती का भी मंदिर है, वैवाहिक जोड़े शिव मंदिर से माँ पार्वती के मंदिर तक एक डोर बांधते है क्यूंकी ऐसी मान्यता है की ऐसा करने से जोड़ा हमेशा शालामत रहता है और शिव गौरी की कृपा उस जोड़े पर बनी रहती है। इस मंदिर के अंदर एक कुंड है जिसे ‘शिवकुंड’ के नाम से जाना जाता है। एक मान्यता ये भी है की चारों धामों से आने के बाद देवतलाब मे भगवान शिव को स्नान करवाना आवश्यक है तभी चारों धामों का फल श्रद्धालु को मिलेगा।

CHANDREH SHIV MANDIR: केवल पत्थरों से बना ये भव्य मंदिर

972 ई. में चेदि शासकों के गुरु प्रबोध शिव द्वारा मध्यप्रदेश के रीवा जिले के रामपुर मे साधन और शैव सिद्धांतों के प्रचार हेतु इस मंदिर की स्थापना की गई थी। इस मंदिर को बना ने के लिए ना तो सिमेन्ट का इस्तमल किया गया ना मिट्टी ना बालू यह मंदिर केवल पत्थरों को एक के ऊपर एक रख कर बनाई गई है चेदिवंश के राजाओ ने अपना एक महल भी बनवाया था जिसे गढ़ी कहा जाता है लेकिन अब वह गढ़ी खंडर बन चुकी है। लेकिन भगवान का ये शिव मंदिर अब भी वैसा का वैसा ही है। इस गढ़ी मे एक गुफा भी है जो सोन नदी तक जाती है। भारी तदात मे श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं गढ़ी की हालत और श्रद्धालुओ की सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए सरकार से गुजारिश की जा रही है की गढ़ी के पुनः निर्माण या सुरक्षा का इंतजाम किया जाए।

ASEERGARH FORT TEMPLE: स्वयं अश्वत्थामा करते है भगवान शिव की पूजा

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले मे स्थित असीरगढ़ किले के इस शिव मंदिर की कहानी महाभारत के एक किरदार से जुड़ी हुई हैं जिसे महाभारत मे श्री कृष्ण द्वारा दिए गए श्राप के कारण अनंतकाल तक मृत्युलोक मे अपने घायल शरीर को लेकर भटके के लिए कहा गया था। मान्यता है की वही अश्वत्थामा आज भी इस शिव मंदिर मे अपने पापों का प्रयश्चित करने भगवान शिव की पूजा अर्चना करने आते हैं। इस किले के आसपास रहने वाले वासियों का कहना है की ब्रह्ममुहूर्त से पहले ही अश्वत्थामा किले मे स्थित तालाब मे स्नान करते है और सबसे पहले पूरी शांति से भगवान शिव को जल,और फूल चढ़ाते हैं। पुजारियों का कहना है की जब रात को वह पूरा मंदिर साफ कर के जाते है साथ ही शिवलिंग पर चढ़े फूल भी हटा देते हैं लेकिन ब्रह्ममुहूर्त के बाद जब वह पुनः पूजा और शृंगार के लिए पट खोलते हैं तो शिवलिंग पर पहले से ही भूल और जल अर्पित होतें है। इस मान्यता मे कितनी सच्चाई है ये तो स्वयं भगवान शिव ही जानते हैं।

KAKANMATH TEMPLE: भूतों ने किया बोलेनाथ की मंदिर का निर्माण

भोलेनाथ केवल मनुष्यों ही नहीं बल्कि भूत प्रेतों के भी भगवान होते हैं, भूत भोलेनाथ को अपना आराध्य मानते हैं ये तो हर किसी ने सुना होगा, लेकिन मध्यप्रदेश में एक ऐसा एक मंदिर है जहां प्रेतों ने अपने आराध्य भोलेनाथ का मंदिर बना डाला। ऐसी मान्यता है कि मध्यप्रदेश के मुरैना के सिहोनिया गांव में ककनमठ मंदिर स्थित है. जिसे 11वीं शताब्दी में भूतों द्वारा एक ही रात में बनाया गया था,लेकिन इस मंदिर को भूतों द्वारा आधे निर्माण पर छोड़ दिया गया क्योंकि मंदिर बनाते बनाते सुबह हो गई और ऐसा बोलते है कि भूत दिन की रोशनी से डरते हैं ऐसे में भूत आधा मंदिर बना कर भाग गए। इस मंदिर के आस पास और भी कई मंदिर थे जो कि अब नष्ट हो गए है, लेकिन इस मंदिर को अब तक कुछ नहीं हुआ । कहा जाता है इस मंदिर में एक श्राप है कि जब मंदिर में 9 काने दूल्हे एक साथ इस मंदिर में आएंगे उसी वक्त ये मंदिर नष्ट हो जाएगा।

RAURIYANATH MAHADEVALAY SHIV TAMPLE: महादेव के साथ है अल्लाह की भी मौजूदगी

ये बातें हमेशा से कही गई हैं की हर धर्म एक ही है, इस बात का प्रतीक भी मध्ययप्रदेश के इस शिवमंदिर मे देखने को मिलता है। मध्यप्रदेश के रीवा जिले के खड्डा गाँव मे एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां शिव और अल्लाह दोनों एक ही अमन्दिर मे मौजूद है ये मंदिर रौरीयानाथ महादेवालय शिव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर मे भगवान शिव और गौरी विराजमान है, लेकिन आश्चर्य की बात ये है इस मंदिर मे ‘कलमा’ और चौखट पर ‘अल्लाह’ लिखा हुआ है। कहा जाता है की ये मंदिर भाईचारे का प्रतीक है। इस मंदिर का निर्माण 1755 ई. मे राजा अवधूत सिंह के पुत्र केशव राय ने करवाया था राज्य केशव राय की पत्नी और माता इस्लाम धर्म की थी उनके ही कहने पर इस मंदिर मे अल्लाह और इस्लाम का पहला कलमा लिखवाया गया था।

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