Madhya Pradesh Madarsas: NHRC ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग से 15 दिनों के भीतर एक्शन टेकेन रिपोर्ट तलब की है। इस बीच, बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मानवाधिकार आयोग, मध्यप्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग मिलकर कठोर कार्रवाई करेंगे।
Madhya Pradesh Madarsas: मदरसों पर लगे गंभीर आरोपों की शिकायत में मुरैना, इस्लामपुरा, जौरा, पोरसा, अंबाह, कैलारस और सबलगढ़ जैसे जिलों के मदरसों का उल्लेख है। इन पर किशोर न्याय अधिनियम, 2015, संविधान के अनुच्छेद 28(3) और मध्यप्रदेश सरकार के 15 जून 2015 के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने आशंका जताई है कि इस रैकेट में अवैध विदेशी फंडिंग और राष्ट्र-विरोधी तत्व शामिल हो सकते हैं।
BJP-कांग्रेस में छिड़ी जुबानी जंग
NHRC ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से 15 दिन में एक्शन टेकेन रिपोर्ट मांगी है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, “जबरन किसी को दूसरे धर्म का ज्ञान देना या मदरसों में बुलाकर पढ़ाना न्यायसंगत नहीं है। ऐसे मदरसों पर ताले लगाए जाएंगे। हिंदू, जैन, बौद्ध या सिख बच्चों को इस्लाम की शिक्षा देना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों और कलेक्टरों को कार्रवाई के लिए सरकार से निर्देश देने की बात कही।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, “अगर मदरसों में हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं, तो शिक्षा विभाग क्या कर रहा है? सरकार लव जिहाद और धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाती है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। बीजेपी सिर्फ धर्म और जाति के आधार पर लोगों को बांटकर वोट लेने का काम करती है।”