संदेश ऐप की शुरुआत ग्वालियर से होगी। इसके लिए यहा के चार थाने चुने गए हैं. प्रत्येक थाने के चार-चार मामलों को इससे जोड़ा जाएगा।
सनी देओल की फिल्म ‘दामिनी’ आपने देखी ही होगी, जिसमें उनका एक डायलॉग सुना होगा। जिसमें वे कहते हैं कि ‘तारीख पे तारीख, मिलती है बस तारीख’ ये एक फ़िल्मी डायलॉग था लेकिन कोर्ट में बड़ी संख्या में पेंडिंग पड़े मामलों की जमीनी हकीकत देख कर यही लगता है, कि तारीख के अलावा कुछ नहीं मिलता है.
माननीय कोर्ट में केसों की बढ़ती संख्या अदालतों से लेकर समाज तक के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. इस कमी को दूर करने के लिए बड़ी पहल मध्यप्रदेश में होने जा रही है. न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने, समय पर समन मिलने, केस से जुड़ी जानकारी सुलभ तरीके से मिलने और गवाहों को प्रभावित किए जाने की समस्या के समाधान के रूप में न्यायालय संदेश ऐप तैयार करवा रहा था जो कि अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है.
संदेश ऐप से मिलेगा फायदा
इस ऐप के प्रयोग की शुरुआत ग्वालियर से ही होने जा रही है. शुरूआती तौर पर इसके लिए ग्वालियर के चार थाने चुने गए हैं. जिनमें विश्वविद्यालय थाना, इंदरगंज थाना, कंपू थाना और पड़ाव थाना शामिल हैं. जिनके चार-चार मामलों को जोड़ा जाएगा और जांच अधिकारियों द्वारा एक ग्रुप तैयार किया जाएगा। इसके बाद देखा जाएगा कि इसके संचालन में कोई समस्या महसूस हो रही है या नहीं। यदि कोई समस्या या कमी महसूस होती है तो उसे दूर किया जाएगा।
कैसे काम करेगा संदेश ऐप?
इस ऐप में किसी भी केस से जुड़े हुए इन्वेस्टिगेशन अधिकारी, सरकारी वकील, संबंधित वकील, संबंधित न्यायालय, संबंधित थाना, आरोपी, फरियादी और गवाह एक साथ जुड़े होंगे, जिससे सम्मन, तामील, तारीख से संबंधित सूचनाएं आदि सब एक जगह ही मिल जाएंगे और सबको जरूरी सूचना मिल जाएगी। न्यायालय की प्रक्रिया में जो कुछ भी हो रहा है उसकी भी पूरी जानकारी इस ऐप पर अपडेट होती रहती है. यदि ये प्रयोग सफल रहा तो पेंडिंग केसों में काफी राहत मिलने की उम्मीद है.