Madhya Pradesh News : दिव्यागजनों को समर्थ और सशक्त बनाने की ओर अग्रसर है मध्य प्रदेश सरकार

Madhya Pradesh News : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सामाजिक समानता और समरसता कल्याणकारी राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है। समाज के सभी वर्गों, विशेषकर दिव्यांगजनों और कमजोर वर्गों के हितों की पूर्ति और संरक्षण करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकार दिव्यांगजनों को सहयोग प्रदान कर उन्हें सक्षम और सशक्त बनाने के लिए हर आवश्यक कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दिव्यांगजन ईश्वर के साक्षात अंश हैं और उनकी सेवा ही ईश्वर की सेवा है। दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए शिविरों का आयोजन करें। इन शिविरों में नए दिव्यांगजनों की भी पहचान की जाए और उन्हें उनकी आवश्यकतानुसार सहयोग, मार्गदर्शन और सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।

समाज की मुख्यधारा से जोड़े जाएंगे दिव्यागजन। Madhya Pradesh News

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिव्यांगजनों के विकास और कल्याण के लिए अब तक किए गए प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इस पुनीत कार्य में सक्रिय भागीदारी करना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों और कुष्ठ पीड़ितों के कल्याण के लिए अन्य राज्यों में प्रचलित मॉडलों का भी अनुसरण किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि कल्याणियों के विवाह हेतु चलाई जा रही मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह प्रोत्साहन योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि जरूरतमंद कल्याणियाँ इसका लाभ उठा सकें। इस कार्य के लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है।

जल्द होगा नवीन वृद्धाश्रमों का उद्घाटन। Madhya Pradesh News

बैठक में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सशुल्क वृद्धाश्रम आज के दौर में वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकता बनते जा रहे हैं। नए परिवेश में बच्चे पढ़ाई या नौकरी के लिए विदेश जाते हैं। आगरा और जयपुर जैसे शहरों में सशुल्क वृद्धाश्रम अच्छी तरह से संचालित हो रहे हैं। ऐसे वृद्धाश्रमों के लिए भारतीय परिवेश और संस्कृति से जुड़ा हिंदी नाम तय किया जाए और उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि वृद्धजनों की देखभाल सेवा का कार्य है, गैर-सरकारी संगठनों और धार्मिक एवं धर्मार्थ संस्थाओं को भी इस कार्य से जोड़ा जाना चाहिए।

विशिष्ट पहचान पत्र और पेंशन भुगतान में हुई बढ़त।

मंत्री कुशवाह ने बताया कि प्रदेश में अब तक 9.57 लाख से अधिक दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड (विशिष्ट पहचान पत्र) बनाए जा चुके हैं। इन पहचान पत्रों के आधार पर दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 56 लाख से अधिक पेंशन लाभार्थियों के बैंक खातों में हर माह 339 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से हस्तांतरित की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के लिए विशेष भर्ती अभियान भी चला रही है, जिसके तहत 2500 से अधिक दिव्यांगजनों को सरकारी सेवा में रोजगार प्रदान किया गया है।

निःशुल्क दिव्यांग हेल्पलाइन 1800-233-4397 शुरू की गई।

बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती वायंगणकर ने बताया कि प्रदेश में श्रवण बाधित दिव्यांगजनों की सहायता के लिए लाइव इंटरप्रेटर सेवाएं शुरू की गई हैं। इसके लिए “डेफ केन एसोसिएशन” संस्था के साथ एमओयू किया गया है। “आरुषि” संस्था के सहयोग से एक निःशुल्क दिव्यांग हेल्पलाइन 1800-233-4397 भी शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों की खेल प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।

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