Rani Durgavati Ashram: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा ऐलान किया है कि मध्यप्रदेश के सभी जनजातीय कन्या छात्रावासों एवं आश्रमों का नाम अब गोंडवाना की वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा जाएगा। वहीं सभी जनजातीय बालक छात्रावासों का नामकरण 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद राजा शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह के नाम पर होगा।
Rani Durgavati Ashram: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए घोषणा की कि प्रदेश के सभी जनजातीय कन्या छात्रावास एवं आश्रमों का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती तथा बालक छात्रावासों का नाम राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर रखा जाएगा। साथ ही वर्ष 2026 में 5 हजार छात्रावास अधीक्षकों की भर्ती भी की जाएगी।
1.33 लाख सोयाबीन किसानों को 233 करोड़ रुपये वितरित
सीएम डॉ. यादव ने बताया कि सोयाबीन की भावांतर योजना के तहत 15 दिन के अंदर ही किसानों के खातों में राशि जमा कर दी गई। अब तक 1 लाख 33 हजार किसानों को 233 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना पूरे देश में मॉडल बनते दिख रही है और कई राज्य इसे अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
लाडली बहनों अब हर माह मिलेंगे 1500 रुपये
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावी वादे के मुताबिक भाईदूज से लाडली बहना योजना की मासिक राशि 1250 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी गई है। जून 2023 से अब तक प्रदेश की बहनों को 44,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराएगी।
जनजातीय गौरव दिवस धूमधाम से मनाया
डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को जनजातीय गौरव दिवस के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। जबलपुर में हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधन किया। इस अवसर पर 662 करोड़ रुपये से अधिक की 135 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया गया तथा जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं की जानकारी के लिए ‘शालिनी एप’ भी लॉन्च की गई।
पन्ना के हीरों को मिला जीआई टैग
मुख्यमंत्री ने पन्ना के हीरों को भौगोलिक संकेतक (GI Tag) मिलने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। इससे पन्ना डायमंड की वैश्विक पहचान बढ़ेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
सिंहस्थ-2028 की तैयारियां जोरों पर
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ-2028 का आयोजन पूर्ण भव्यता और दिव्यता के साथ किया जाएगा। इसके लिए साधु-संतों, विशेषज्ञों तथा स्थानीय किसानों की सलाह से सभी तैयारियां समयबद्ध तरीके से की जा रही हैं।
