MP Election Hotspot List: चुनाव के दौरान लोगों की जाति को लेकर होने वाले अपराधों के लिए कुख्यात क्षेत्रों पर शांति कायम रखने के लिए विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस का विशेष फोकस रहेगा। चुनावी अदावत में होने वाले विवादो को जातीय संघर्ष में बदलने से रोकना पुलिस के लिए खासी चुनौती बनी हुई है। पुलिस मुख्यालय की अजाक शाखा ने प्रदेश में एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के लिए उन क्षेत्रों को चिह्नित किया था, जहां ऐसे अपराध अधिक हैं। इन क्षेत्रों को हॉट और एक्सट्रीम हॉटस्पॉट में बांटा गया है।
मध्य प्रदेश के हॉटस्पॉट
- वर्तमान में प्रदेश में 566 हॉट तो 58 एक्स्ट्रीम हॉट स्पॉट हैं।
- ग्वालियर जोन में सबसे अधिक 174 हॉटस्पॉट और 27 एक्स्ट्रीम हॉटस्पॉट हैं।
- दूसरे नंबर पर सागर जीन में 104 हॉट तो 12 एक्स्ट्रीम हॉटस्पॉट हैं। चु
- नाव में इन हॉट स्पॉट की मॉनिटरिंग का जिम्मा जिला पुलिस के अलावा मुख्यालय स्तर पर संभाला जा रहा है। विशेष शाखा ने इन हॉटस्पॉट को प्राथमिकता में लिया है।
ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड जोन इन अपराधों के मामले में ज्यादा संवेदनशील है। इनके 14 जिलों में ही 60% हॉट और 72 फीसदी एक्सट्रीम हॉटस्पॉट हैं। यहां हॉट स्पॉट की संख्या 339 और एक्सट्रीम हॉटस्पॉट 42 हैं। जबलपुर जोन के पांच जिलों में 74 हॉटस्पॉट तो एक एक्स्ट्रीम हॉट स्पॉट है। शहडोल जोन के तीन जिलों में सबसे कम दो हॉटस्पॉट हैं।
ऐसे तय होते हैं हॉट और एक्स्ट्रीम हॉटस्पॉट
- ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर तो शहरी में वार्ड के हिसाब से हॉटस्पॉट तय किए जाते हैं। पांच साल में एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ अपराध के पांच या इससे अधिक केस दर्ज होने पर इसे हॉटस्पॉट की श्रेणी में रखा जाता है।
- दस या इससे अधिक अपराध होने पर क्षेत्र एक्स्ट्रीम हॉटस्पॉट की श्रेणी में आता है। अच्छी बात ये है कि प्रदेश के 53000 से अधिक गांवों में से 45 हजार में दलित उत्पीड़न के केस नहीं आते। डीएसपी नगरीय निकायों के 5300 बाड़ों में से 3000 में भी यही स्थिति है।
- जहां ऐसे मामले सामने आते हैं, वहां समरसता के लिए स्तर के अधिकारी की अगुआई में बैठकें कराई जाती हैं।
- दो साल में 340 हॉटस्पॉट हुए कम पीएचक्यू की अजाक शाखा ने वर्ष 2016 से 2021 के बीच एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ क हुए अपराधों के आधार पर प्रदेशभर में 906 हॉट स्पॉट स्पॉट और 3 64 एक्सट्रीम हॉटस्पॉट चिह्नित किए थे। वर्ष 2023 में हुए रिक्कइन के बाद हॉटस्पॉट की संख्या 566 रह गई है.
इस साल 6 महीने में 3026 केस दर्ज प्रदेश में इस साल जून तक एससी-एसटी के खिलाफ हुए अपराधों की संख्या 3026 थी। एससी वर्ग के खिलाफ हुए अपराध 2096 और एसटी वर्ग के खिलाफ 930 में। एससी के खिलाफ हुए अपराधों में वर्ष 2022 की तुलना में 5.29 और एसटी के खिलाफ अपराधों में 14% कमी आई है.