नईदिल्ली। अभ्युदय मध्यप्रदेश के दर्शन प्रगति मैदान दिल्ली में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में किए जा सकते हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत थीम पर 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले मेला में मध्यप्रदेश की विरासत से विकास की अद्भुत झांकी, एक जिला-एक उत्पाद और परम्परागत कलाकृतियों ने आगंतुकों को आकृषित किया है। मंडप में आगामी 21 नवंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश दिवस भी मनाया जाएगा।
मध्यप्रदेश मण्डप
44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में मध्यप्रदेश मण्डप ग्वालियर किला के रूप में तैयार किया गया है तथा मण्डप के केन्द्र में 64 योगिनी मन्दिर मुरैना के दर्शन होते है। मण्डप को मेले की थीम एक भारत, श्रेष्ठ भारत के अनुरूप सजाया गया है। गौरतलब है कि लुटियन्स ने जब भारतीय संसद भवन का डिजाइन तैयार किया था तब उन्होने भारत वर्ष की नामी गिरामी इमारतों के डिजायन बुलवाये थे जिसमें से उन्होने मुरैना जिले के 64 योगिनी मन्दिर का चुनाव किया था। इसके आधार पर ही उन्होने भारतीय संसद के भवन का निर्माण कराया था। इस स्थान पर सभी देशी विदेशी पर्यटक भ्रमण करने के लिए आते हैं। जिससे एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत होती है। मण्डप में मध्यप्रदेश की विश्व धरोहार खजुराहों, सांची स्तूप एवं भीमबेटका के साथ प्रस्तावित धरोहर स्थलों, विभिन्न सांस्कृतिक माहोत्सव, हस्तशिल्प, हाथकरघा, जी.आई. ओ.डी.ओ.पी. उत्पादों को भी सजाया गया है।
सिंहस्थ 2028 भी प्रर्दशित
मण्डप में सिंहस्थ 2028 की तैयारी को भी स्थान दिया गया है। इन्दौर के जी.आई. उत्पाद, चमड़े के खिलौने एवं टेराकोटा का संजीव प्रदर्शन हो रहा है। स्टार्ट-अप भी अपने उत्पादों के प्रचार-प्रसार के साथ विकय भी कर रहे हैं। मध्यप्रदेश मण्डप, निर्मित विरासत, सांस्कृतिक विरासत, जनजातीय विरासत एवं वन्य जीवन को आकर्षक रूप से प्रदर्शित करता है। मण्डप जहां एक ओर प्रदेश की गौरवशाली विरासत को प्रदर्शित कर रहा है वही दूसरी ओर सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का संदेश भी दे रहा है। यही कारण है कि मेले में इस बार फिर मध्यप्रदेश मण्डप लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यहां अभ्युदय मध्यप्रदेश की झलक साफ देखी जा सकती है।
