Madhya Pradesh Government Cabinet Meeting Decision In Hindi: मध्यप्रदेश में मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश में नक्सल गतिविधियों पर रोकथाम के लिए और पचमढ़ी नगर को अभयारण्य से अलग करने समेत और भी कई अहम फैसले हुए। जिसकी जानकारी कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रेस ब्रीफिंग में दी।
MP Cabinet Meeting Decision
नक्सल गतिविधियों को रोकने पर अहम फैसला
कैबिनेट में सबसे अहम फैसला नक्सल गतिविधियों पर रोकथाम के लिए लिया गया। मोहन कैबिनेट ने नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों के लिए 850 कार्यकर्ताओं को भर्ती करने का निर्णय लिया है। इन कार्यकर्ताओं को गाँव में नियुक्त किया जाएगा जिससे नक्सली मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। कार्यकर्ताओं को 25000 रुपये महीने का मानदेय दिया जाएगा। जिसके कारण सरकार पर 25 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
पचमढ़ी को अभ्यारण्य से बाहर किया जाएगा
मोहन सरकार ने एक और आहम फैसला लेते हुए पचमढ़ी नगर को वन अभ्यारण्य से बाहर रखने का फैसला किया गया है। जिसमें पचमढ़ी की 395.93 हेक्टेयर जमीन को फॉरेस्ट से लेकर नजूल घोषित कर दिया जाएगा। जिसके बाद यह जमीन पचमढ़ी भूमि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अधिकार में आ जाएगी। जिसके बाद इस जमीन की खरीद और बिक्री हो सकती है। जिस कारण सरकार पर्यटन स्थल के विकास हेतु बहुत सारे प्रोजेक्ट्स ला सकती है। अभी फॉरेस्ट विभाग और सरकार के बीच इस जमीन के स्वामित्व का विवाद था।
इसके साथ ही और भी कई फैसले लिए गए-
- पैरा ओलंपिक के पदक विजेता दिव्यांग खिलाड़ियों को, ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों की ही तरह 1-1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
- सभी जिलों में पेंशन कार्यालय के स्टॉफ को कम किया जाएगा और उनके लिए एक केंद्रीय प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।
- मऊगंज समेत तीनों नए जिलों में खाद्य आपूर्ति विभाग के कार्यालय खोले जाएंगे।
- बैठक में हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल के रिजल्ट की भी चर्चा हुई, जिसमें नई शिक्षा नीति की चर्चा के तहत किसी भी विद्यार्थी को फैल नहीं किया जाएगा। उन्हें जून की परीक्षा में फिर से मौका दिया जाएगा।
- इस डाल 8.76 लाख किसानों से 15 मार्च से 5 मई के बीच 76 लाख टन मीट्रिक गेहूं खरीदा जा चुका है। स्लॉट बुकिंग के आधार पर यह 81 लाख टन पहुँच सकता है। किसानों को अब तक में 16472 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। पिछले साल 5.85 लाख किसानों से 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था।