भोपाल। मध्यप्रदेश के राजनैतिक गलियारे में इन दिनों मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर तेजी से चर्चा आ रही है। जिसमें खाले पड़े मंत्रियों के 4 पदो को भरने समेत कुछ मंत्रियों को बदलने की भी संभावना जताई जा रही है। दरअसल हाल ही में सीएम मोहन यादव ने कमिश्नर और कलेक्टरों की भोपाल में बैठक लेकर विभागों प्रशासनिक कार्यो की रूप रेखा तैयार किए है। अब चर्चा आ रही है कि इसी महीने मोहन यादव मंत्रियों और फिर विधायकों के साथ बैठक करके उनके कार्यो की समीक्षा करने की तैयारी कर रहे है। जिस तरह से बैठकों का दौर जारी है, उससे मध्यप्रदेश सरकार में बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है। ज्ञात हो कि कमिश्नर-कलेक्टरों की कांफ्रेंस को सीएम मोहन यादव की एक तैयारी मानी जा रही है, उक्त बैठक में किसी भी मंत्री को शामिल नहीं किया गया था।
मंत्रियों से सीधे तौर पर होगी वन-टू-वन
सीएम मोहन यादव मंत्रियों से सीधे तौर पर वन-टू-वन करेगे। जो खबरें आ रही है उसके तहत होने वाली बैठकों में विभागवार मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा और इसके आधार पर मंत्रियों के कामकाज की ग्रेडिंग तय होगी। मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों के विभागों से जुड़े कामकाज, उनमें किए गए नवाचारों, विकास योजनाओं की प्रगति और विभानसभा क्षेत्रों में जुड़े विकास के कामों का आकलन किया जाएगा है. इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सभी विभागों से रिपोर्ट बुलाई जाएगी।
गलत रिर्पोट वाले मंत्रियों के लिए खतरे की घंटी
मंत्रियों और विधायकों की बैठक में सीएम मोहन यादव उनके कामों को देखेगें। माना जा रहा है कि जिन मंत्रियों का रिर्पोट कार्ड ठीक नही रहा, ऐसे मंत्रियों के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है। तो वही बैठकों के बाद सीएम मोहन यादव मंत्रिमंडल विश्तार कर सकते है। जिसमें खाली पड़े मंत्रियों के 4 पदों को भरने के साथ ही खराब परर्फोमेंस वाले मंत्रियों की जगह नए लोगो को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना है।
विंध्य को मिल सकता है प्रतिनिधित्व
मोहन यादव मंत्रिमंडल का अगर विस्तार होता है तो माना जा रहा है कि विध्य क्षेत्र को प्रतिनिधित्व मिल सकता है, यानि की विंध्य के विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना है। ऐसे में विंध्य समेत प्रदेश के विधायकों का रूख अब भोपाल की ओर बढ़ रहा है और मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए जुगत लगाऐगे, हांलाकि सरकार की ओर से अभी कोई पत्ते नही खोले जा रहे है, केवल राजनैतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं के बीच सभी की नजरें राजधानी की ओर हैं।