कांग्रेस मध्य प्रदेश विधानसभा को लेकर काफी गंभीर है, इस बार पार्टी, टिकट देने से पहले, अपने भावी कैंडिडेट्स से यह लिखित में लेगी कि वो किसी हाल में पलटी नहीं मारेंगे
MP Vidhansabha Chunav 2023: मध्य प्रदेश में नवंबर से विधानसभा चुनाव होना है. पिछले इलेक्शन में जीतकर भी सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस अब दूध की जली बिल्ली की तरह छांछ भी फूंक-फूंक कर पी रही है. कहने का मतलब है कि कांग्रेस अपने कैंडिडेट्स को चुनने में पिछली बार की गलती दोहराना नहीं चाहती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार पार्टी सिर्फ भरोसेमंद लोगों को टिकट दे रही है और उनसे लिखित में यह वचन ले रही है कि चाहे कुछ भी हो जाए वो कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। ज्ञात हो कि पिछले चुनाव 2018 में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाई थी मगर ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके खेमे वाले विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे और कांग्रेस के हाथ से सत्ता चली गई थी.
15 सितंबर तक जारी होगी कैंडिडेट्स की लिस्ट
बताया गया है कि कांग्रेस 10 से 15 सितंबर के बीच अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करेगी, पहली लिस्ट में 100 कैंडिडेट्स का नाम हो सकता है. उम्मीदवारों का चयन करने के लिए कांग्रेस ने विधानसभा सीटों में तीन सर्वे कराए हैं और जो सबसे लोकप्रिय साबित हुए हैं उन्हें ही लिस्ट में शामिल किया है. लेकिन कांग्रेस इस बार नए चेहरों को भी मौका दे रही है.
2 सितंबर को भोपाल में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होने वाली है। इसमें सर्वे रिपोर्ट के साथ ही जिलास्तर पर संगठन के पदाधिकारियों के फीडबैक पर मंथन होगा। इसके बाद उम्मीदवार के नाम फाइनल किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि पहले हारी हुई सीटों पर नामों की घोषणा होगी।
खबर है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में 109 सीटों पर नए चेहरों को उतार सकती है. यह योजना रिस्की तो है क्योंकी बीजेपी ने भी नए लोगों को मौका दिया है. जानकारी के तहत कांग्रेस पिछले चुनाव में हारे 17 कैंडिडेट्स का टिकट काटने की भी योजना बना रही है. बताया गया है कि मुरली मोरवाल (बड़नगर), विक्रम सिंह नातीराजा (राजनगर ), नीरज दीक्षित (महाराजपुर), सुनीता पटेल (गाडरवारा), तरबर सिंह लोधी (बंडा), सुनील सराफ (कोतमा), देवेंद्र पटेल (उदयपुरा), ग्यारसी लाल रावत (सेंधवा), चंद्रभागा किराड़े (पानसेमल), मनोज चावला (आलोट) जैसे नेताओं का नाम कट सकता है. इनके अलावा रवि जोशी (खरगोन), मेवाराम जाटव (गोहद), सुरेश राजे (डबरा), ब्रहा मलावी (घोड़ाडोंगरी), संजय यादव (बरगी), अर्जुन काकोड़िया (बरघाट), और अशोक मसकोले (निवास) को भी टिकट मिलना मुश्किल है.