Made In india Brahmos Missiles: ऑपरेशन सिंदूर के बाद मुस्लिम देशों ने दिखाई ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रुचि

Made In india Brahmos Missiles

Made In india Brahmos Missiles: भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 3 दिवसीय युद्ध का नतीजा भले ही कुछ भी ना निकला हो परंतु इतना स्पष्ट है कि इस युद्ध की वजह से भारत को वैश्विक स्तर पर अपने हथियारों का डेमो देने का पूरा मौका मिल गया और इसी के चलते भारत को अब एक के बाद एक हथियारों के आर्डर मिल रहे हैं। जी हां , भारत रक्षा क्षेत्र में एक उभरता हुआ देश साबित हो रहा है। भारत की सैन्य क्षमताओं के प्रदर्शन की वजह से वैश्विक स्तर पर ब्रह्मोस मिसाइल(demand of brahmos missiles) की मांग में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है जिसमें मुस्लिम राष्ट्र भी शामिल है।

Made In india Brahmos Missiles
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ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषता (qualities of indian brahmos missile)

बता दे ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई है। यह मिसाइल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी रेंज 300 किलोमीटर की है। यह मिसाइल पनडुब्बियों, जहाज, विमान और जमीन से लांच की जा सकती है। इस मिसाइल को 2.8 km की गति से छोड़ा जा सकता है जिसकी वजह से इसकी उपयोगिता और ज्यादा बढ़ जाती है। हाल ही में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध के दौरान भारत ने अपने मेड इन इंडिया वाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया और पाकिस्तान के कई सारे एयरबेस ध्वस्त कर दिए जिसके चलते अब दुनिया भर की नजरे भारत के रक्षा विभाग पर टिक गई है।

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जैसा कि हम सब जानते हैं ऑपरेशन सिंदूर(operation sindoor) के दौरान भारत ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर एकदम सटीक प्रहार किये। इस पूरी प्रक्रिया में भारत का कहना था कि भारत ने केवल आतंकवादी ठिकानों पर ही प्रहार किया है और उन्हें ही ध्वस्त किया है। इस पूरे युद्ध के दौरान भारत ने किसी भी सिविलियन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जिसके सबूत भारत के पास है। इतने सटीक प्रेसीजन वाले हथियारों को देखते हुए पूरा विश्व दंग हो गया है जिसके चलते विश्व में भारत द्वारा बनाई गई ब्रह्मोस मिसाइल की मांग भी बढ़ती जा रही है।

ब्रह्मोस निर्यात में भारत बनेगा रक्षा क्षेत्र खिलाड़ी

वैश्विक स्तर पर ब्रह्मोस मिसाइल की मांग की बात करें तो फिलिपींस 2022 में ही ब्रह्मोस मिसाइल का ऑर्डर दे चुका है। हाल ही में फिलिपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की दूसरी खेप की डिलीवरी भी की गई। वहीं वर्तमान में इंडोनेशिया करीबन 450 मिलियन डॉलर के सौदे पर बातचीत कर रहा है। आने वाले समय में वियतनाम भी ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की योजना बना रहा है। मलेशिया और अन्य अरब देश (arab countries on brahmos)भी ब्रह्मोस मिसाइल में रुचि दिखा रहे हैं जिसके चलते यह कहा जा सकता है कि आने वाले वैश्विक स्तर पर एक मजबूत रक्षा बाजार खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।

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