फिल्म समीक्षा : डर और मातृत्व बल से अदृश्य शक्तियों का घमासान है हॉरर-थ्रिलर “मां”Maa-A Supernatural Tale of Fear and Motherhood

Maa – A Supernatural Tale of Fear and Motherhood – काजोल की अभिनय यात्रा में फिल्म ‘मां’ एक नई शैली,और ट्रेक से हटकर खुद को बिल्कुल अलग तरह से आजमाने के लिए मानों उनकी दस्तक है ये हॉरर थ्रिलर, जिसमें वह पहली बार नजर आई हैं। फिल्म का निर्देशन विशाल फूरिया ने किया है और यह ‘शैतान यूनिवर्स’ का विस्तार है। इस फिल्म के जरिए एक मां की उस लड़ाई को दिखाया गया है जो वह अपनी बेटी को अलौकिक शक्तियों से बचाने के लिए न सिर्फ लड़ती है बल्कि अंततः वो अदृश्य शक्तियों की दुनिया न से भी टकराने तैयार हो जाती है। एक मां का , अपने बच्चों के लिए ये अदम्य साहस से बढ़कर अदृश्य शक्तियों से भिड़ने का दुस्साहस निश्चित ही काजोल जैसी अभिनेत्री के व्यक्तित्व को खूब फब रहा है और दर्शकों को बेहद पसंद भी आ रहा है।

फिल्म की मुख्य जानकारी

फिल्म का नाम – मां (Maa)
रिलीज़ डेट – 28 जून 2025
निर्देशक – विशाल फूरिया
पटकथा लेखक – अकीता जोशी और विशाल फूरिया
निर्माता – अजय देवगन, जयंतीलाल गड़ा
बैनर – पेन स्टूडियोज़, अजय देवगन फिल्म्स
मुख्य कलाकार

  • काजोल (मां के किरदार में)
  • रिद्धि शर्मा (बेटी के रोल में)
  • जतिन गोस्वामी
  • राज अर्जुन
  • श्रुति बापना
  • विजय वर्मा (स्पेशल अपीयरेंस)
  • संगीत – सचिन-जिगर
  • शैली Genre – हॉरर, ड्रामा, थ्रिलर
  • भाषा – हिंदी

कहानी की झलक – Synopsis
कहानी एक अकेली मां की है, जो अपनी बच्ची के साथ एक शांत जगह पर रहती है। सब कुछ सामान्य चल रहा होता है, जब एक दिन उसकी बेटी पर एक शैतानी ताकत का असर दिखाई देने लगता है। धीरे-धीरे वह समझती है कि यह कोई सामान्य बीमारी या डर नहीं, बल्कि एक अलौकिक खतरा है। फिर शुरू होती है एक मां की आध्यात्मिक और मानसिक लड़ाई, जहां वह हर सीमा लांघने को तैयार हो जाती है। एक मां के मातृत्व और अदृश्य शक्तियों के टकराव के चोरों तरह ही ये कहानी रची गई है जो मां शब्द की महिमा को और गौरवान्वित और समृद्ध बनाती है।

अभिनय और निर्देशन – Performance & Direction

  • काजोल – काजोल ने एक मां के किरदार को बहुत ही प्रभावशाली तरीके से निभाया है। उनके भाव, डर, और साहस को कैमरा बखूबी कैद करता है।
  • रिद्धि शर्मा – ऋद्धि ने बच्ची की भूमिका में भावनात्मक मासूमियत दिखाई है, जो कहानी को और संवेदनशील बनाती है।
  • विशाल फूरिया – विशाल ने फिल्म को न केवल डरावना बनाया है, बल्कि उसे भावनात्मक गहराई भी दी है, जिससे दर्शक न सिर्फ कहानी से जुड़ते हैं बल्कि ये अंदाज उन्हें खूब पसंद आ रहा है क्योंकि ये अभी तक की हॉरर थ्रिलर में लेटेस्ट टेस्ट है।

तकनीकी पक्ष – Technical Aspects
सिनेमेटोग्राफी – में गहराई और डर को खूबसूरती से दिखाया गया है।
बैकग्राउंड स्कोर – और साउंड डिज़ाइन इतने असरदार हैं कि दर्शक खुद को सीन के अंदर महसूस करता है।
VFX – साधारण लेकिन यथोचित हैं, और फिल्म को ओवरडोन नहीं बनाते।

भावनात्मक गहराई – Emotional Depth
इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है मां-बेटी का रिश्ता, जो डर के पार जाकर भी मजबूत बना रहता है। जब बात अपनी औलाद की आती है, तो मां हर डर को चुनौती देती है और यही फिल्म का सार है।

कमजोर पक्ष – Weaknesses

  • कुछ हॉरर सीक्वेंस दोहराव भरे और अपेक्षाकृत सामान्य लग सकते हैं।
  • अंतिम 20 मिनट में टेंपो थोड़ा धीमा हो जाता है।
  • क्लाइमेक्स और भी शक्तिशाली हो सकता था।

विशेष – Conclusion
‘मां’ सिर्फ हॉरर नहीं है, यह एक मां की आध्यात्मिक वीरता और अटूट प्रेम की कहानी है। काजोल का अभिनय, विशाल फूरिया का निर्देशन और कहानी की भावना मिलकर इसे एक भावनात्मक हॉरर फिल्म बनाते हैं। यह फिल्म डर के साथ-साथ दिल को भी छूती है। रेटिंग की बात करें तो रिलीज़ से अभी तक  फिल्म को दर्शकों ने 3.5/5 कैटेगरी में रखा है।

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