लखनऊ में थूक जिहाद: मोहम्मद शरीफ दूध में थूक देता था

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने लोगों में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। गोमती नगर के विनय खंड इलाके में एक दूधवाला, (Lucknow Thook Jihad Video) जो कई सालों से घर-घर दूध सप्लाई कर रहा था, दूध में थूकते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है।पीड़ित परिवार के सदस्य लव शुक्ला ने बताया कि वे इस दूध का उपयोग नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा और अभिषेक के लिए करते थे।


वीडियो में साफ दिख रहा है कि दूधवाला, जिसका नाम मोहम्मद शरीफ (Lucknow MIlkman Mohammad Sharif Spit On Mlik) उर्फ पप्पू बताया जा रहा है, दूध के कैन में थूकने के बाद उसे ग्राहकों को सप्लाई कर रहा था। लव शुक्ला ने इस हरकत को अपनी धार्मिक भावनाओं पर हमला बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सीसीटीवी फुटेज में दूधवाला घर की सीढ़ियां चढ़कर आता है, घंटी बजाने से पहले आसपास देखता है और फिर दूध के कैन में थूकता है। इस फुटेज के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने इस घटना को “थूक जिहाद” करार देते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की मांग की है।

संगठन ने गोमती नगर थाने के बाहर प्रदर्शन भी किया

लव शुक्ला ने शनिवार सुबह सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान इस हरकत को पकड़ा और तुरंत गोमती नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कुछ ही घंटों में आरोपी मोहम्मद शरीफ को गिरफ्तार कर लिया। गोमती नगर के SHO बीसी तिवारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है और सीसीटीवी फुटेज को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। लोग इस बात से चिंतित हैं कि जिस दूध का उपयोग वे रोजाना पीने, पूजा और बच्चों के लिए करते हैं, उसकी शुद्धता पर इस तरह का सवाल उठना निंदनीय है।

कई लोगों ने प्रशासन से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया है और आगे की जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह हरकत कितने समय से चल रही थी। इस बीच, यह घटना खाद्य पदार्थों की सुरक्षा और विश्वास के महत्व को फिर से रेखांकित करती है।

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