Uttar Pradesh Love Jihad Bill In Hindi, CM Yogi Adityanath: मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नया लव जिहाद बिल (संशोधित) पास हो गया है।
नए लव जिहाद कानून के तहत प्रदेश में जबरन धर्मांतरण कराने पर उम्र कैद की सजा का प्रावधान रखा गया है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसमें दोषी को बेल लेने के लिए कई शर्तों से गुजरना होगा।
विधानसभा में ‘लव जिहाद’ बिल पास
मंगलवार को विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। सोमवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधानसभा में इस विधेयक को पेश किया था।
अगले दिन इस बिल (Love Jihad Bill) को विधानसभा में मंजूरी मिली है। अब संशोधित लव जिहाद विधेयक को विधान परिषद भेजा जाएगा। विधान परिषद में पास होने के बाद बिल राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राजयपाल बिल को राष्ट्रपति के पास भेजेंगी। राष्ट्रपति इस बिल पर अंतिम फैसला लेंगी।
नए कानून में क्या संशोधित हुआ (Love Jihad Bill)
विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक में सजा के प्रावधान में बदलाव किया गया है। लव जिहाद नए कानून के अनुसार अनुसूचित जाति व जनजाति (SC-ST) का धर्म परिवर्तन कराने वालों और युवतियों को गुमराह कर शादी कर के धर्म परिवर्तन कराने वालों को आजीवन कारावास का दंड मिलेगा।
जबकि पिछले विधेयक में दंड एक से दस साल के कारावास के साथ जुर्माने तक सीमित था। नए विधेयक में सजा का प्रावधान और मजबूत किया गया है। नए कानून के तहत एससी-एसटी, मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, नाबालिक, दिव्यांग व्यक्ति और महिला का धर्म परिवर्तन कराने पर आजीवन कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। यही दंड सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर भी लगाया गया है।
2021 में पारित हुआ था विधेयक
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने धर्म परिवर्तन के खिलाफ पहला कानून साल 2020 में बनाया था। साल 2021 में योगी सरकार ने धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक को विधानसभा में पारित किया था। इस विधेयक में दोष सिद्ध होने पर एक से दस साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान रखा था। इसमें लव जिहाद (Love Jihad) को ज्यादा जोर दिया गया था। तब कहा गया था कि सिर्फ शादी करने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अमान्य माना जाएगा और धर्म परिवर्तन कराने वालों को सजा दी जाएगी।
लव जिहाद बिल की प्रमुख बातें (Love Jihad Bill)
- लव जिहाद के नए कानून में दोषी व्यक्ति पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रावधान है।
- धर्मांतरण के मामलों में कोई भी व्यक्ति तुरंत मुकदमा दर्ज करा सकता है। जबकि पुराने कानून में शिकायत केवल पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन ही करा सकते थे।
- लव जिहाद व धर्म परिवर्तन के मामलों की सुनवाई निचली अदालते नहीं करेंगी। इन मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय करेगी।
- लव जिहाद (Love Jihad Bill) के नए कानून में दोषी को जमानत सरकारी वकील की पैरवी के जरिये ही मिलेगी। निजी वकीलों की दलील पर जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।
- लव जिहाद कानून में सभी अपराधों को गैर-जमानती बताया गया है।