Ayodhya Deepotsav : दीपों से जगमगाई प्रभु राम की नगरी, एक साथ दर्ज हुए दो गिनीज रिकॉर्ड्स

Ayodhya Deepotsav : इस साल राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में पहली दिवाली मनाई जा रही है। पिछले कई सालों से अयोध्या की दिवाली पूरी दुनिया में मशहूर रही है और एक बार फिर यह दिवाली चर्चा में आ गई है। बुधवार (30 अक्टूबर) को अयोध्या में दीपोत्सव समारोह के दौरान उत्तर प्रदेश ने दो नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। ये रिकॉर्ड एक साथ सबसे ज्यादा लोगों द्वारा दीये जलाने और सबसे बड़े तेल के दीयों के प्रदर्शन के बने हैं। यह रिकॉर्ड उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग और अयोध्या के जिला प्रशासन ने 25,12,585 लाख दीये जलाकर बनाया है। कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गिनीज के एक अधिकारी से सर्टिफिकेट लिया।

सीएम योगी ने दीपोत्सव का उद्घाटन किया। Ayodhya Deepotsav

सीएम ने राम की पैड़ी पर दीप जलाकर दीपोत्सव का उद्घाटन किया। कुछ ही देर में पूरा अयोध्या धाम, सरयू तट और आसपास के 55 घाट लाखों दीयों की रोशनी से जगमगा उठे इससे पहले भगवान राम, सीता और लक्ष्मण को पुष्पक विमान (हेलीकॉप्टर) से लाकर रथ पर बिठाया गया। रथ को सीएम और अन्य गणमान्य लोगों ने खींचा। राम कथा पार्क पहुंचकर सीएम योगी ने आरती की और तिलक लगाया।

रामनगरी अयोध्या में एक दिन में दो विश्व रिकॉर्ड दर्ज

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम के सलाहकार निश्चल बोरुल ने बताया कि इस बार आठवें दीपोत्सव में अयोध्या में दो विश्व रिकॉर्ड बने हैं, जिसमें सामूहिक सरयू आरती का रिकॉर्ड बना है जो अपने आप में अनूठा है। यह पहली बार है जब किसी ने इस तरीके का प्रयास किया है। वहीं, अयोध्या पिछले 7 सालों से सबसे ज्यादा दीप जलाने का इतिहास बना रही है। सातवें दीपोत्सव में अयोध्या द्वारा बनाया गया एक साथ 22 लाख 23 हजार दीप जलाने का विश्व रिकॉर्ड टूट गया है। बीते दिन अयोध्या में 25 लाख 12582 दीप जलाए गए हैं।

दीपोत्सव के दौरान दीपों की गिनती कैसे की जाती है? Ayodhya Deepotsav

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम के सलाहकार निश्चल बारुल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इन दीयों की गिनती तीन तरह से की जाती है और वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम चार दिन पहले ही उस स्थान पर पहुंच जाती है, जहां वर्ल्ड रिकॉर्ड बनता है। जब खाली दीये रखे जाते हैं, तो एक बार उनकी गिनती की जाती है, जिसे ट्रायल कहते हैं। इसके बाद ड्राई काउंट किया जाता है। यह एक सॉफ्टवेयर है, जो सभी दीयों की संख्या बताता है। उसके बाद जब दीये जल जाते हैं, तो डिजिटल के जरिए उनकी गिनती होती है। फिर उसके बाद ड्रोन के जरिए गिनती होती है। फिर नतीजे जारी किए जाते हैं।

इतिहास में पहली बार एक हजार एक सौ इक्कीस वेदाचार्यों ने सरयू आरती की। Ayodhya Deepotsav

प्रवीण पटेल ने कहा कि वह एक नहीं बल्कि दो ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ खिताबों को सत्यापित करके “बहुत खुश” हैं – एक साथ सबसे ज्यादा लोगों द्वारा आरती और सबसे ज्यादा दीये जलाना। उन्होंने कहा कि ‘एक साथ सबसे बड़ी संख्या में लोगों द्वारा आरती करना एक नया रिकॉर्ड है जबकि दीये जलाने का मौजूदा रिकॉर्ड 22 लाख 23 हजार 676 (22.23 लाख) दीयों का था।’ उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास संख्या है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि आप दिशा-निर्देशों का पालन करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपने दोनों रिकॉर्ड के लिए दिशा-निर्देशों का पालन किया है।

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