Longest Night Of 2024: 21 December साल की सबसे लंबी रात, इस खगोलीय घटना से अब छोटे होंगे दिन

Longest Night Of 2024: आज साल 2024 का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होगी। 21 दिसंबर को अंतरिक्ष में एक खगोलीय घटना के कारण आज से सर्दीय रातें लंबी हो जाएंगी। हर साल 20 से 25 दिसंबर के बीच किसी एक दिन अंतरिक्ष में यह खगोलीय घटना घटित होती है। इस दिन का धार्मिक दृष्टि से भी महत्व है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इस कारण दिन छोटे होने लगते हैं।

आज होगी साल की सबसे लंबी रात |longest night of the year

हिंदू धर्म के अनुसार आज सूर्य देवता उत्तरायण होते हैं इसलिए आज से दिन छोटे होने लगते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने कहते हैं कि आज के दिन पृथ्वी का उत्तरी धुव्र सूर्य से सबसे दूर और दक्षिणी ध्रुव सबसे नजदीक आ जाता है। इसके साथ ही सूर्य मकर रेखा से लंबवत और कर्क रेखा को तिरछा स्पर्श करता है। इसी वजह से सूर्य इस दिन जल्दी अस्त हो जाता है। इसी दिन से रातें लंबी होने लगती हैं और दिन छोटे होने लगते हैं।

आज दिन और रात में कितना अंतर |longest day of the year

21 दिसंबर 2024, साल का सबसे छोटा दिन है। इसके साथ ही आज साल की सबसे लंबी रात होगी। दिन की अवधि दस घंटे, 18 मिनट और 18 सेकेंड है। जबकि रात दिन से तीन घंटे 23 मिनट अधिक होगी। हिंदू कैंलेंडर के पंचांग गणना के अनुसार, आज के दिन सायन सूर्य नारायण मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं। जबकि निरयन सूर्य 14 जनवरी को संक्रांति पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए यह दिन हिंदू धर्म में विशेष माना गया है।

साल भर ऐसे बदलते हैं दिन-रात का चक्र | longest night of 2024

ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि 25 दिसंबर से ठीक विपरीत होता है। 25 दिसंबर जिसे बड़ा दिन कहा जाता है, इस दिन से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। फिर 21 मार्च और 23 सिंतबर को दिन और रात एक बराबर हो जाती है। इसके बाद 21 जून को दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी हो जाती है। फिर 21 दिसंबर को रात सबेस लंबी हो जाती है। इसी तरह साल भर यह क्रम चलता रहता है।

अंतरिक्ष पर कौन-सी खगोलीय घटना होती है

वहीं अंतरिक्ष में खगोलीय घटना की बात करें तो पृथ्वी का अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकने से दिन और रात की अवधि में परिवर्तन होता है। जब पृथ्वी का कोई भी ध्रुव सूर्य से दूर अपने अधिकतम झुकाव पर पहुंच जाता है तो उस गोलार्ध के लिए वह दिन शीतकालीन संक्रांति का होता है। यानी तब रातें लंबी हो जाती हैं और दिन का उजाला तीन कम हो जाता है। इसी तरह जब सूर्य कम ऊंचाई पर होता है तो उस घटना को ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। यहां से दिन बड़े और गर्म हो जाते हैं।

Also Read : World Meditation Day: भारत में पहली बार मनाया जा रहा विश्व चिंतन दिवस, जानिए क्यों 21 दिसंबर चुना गया दिन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *