Vindhya Politics: भारत में कुछ ही महीने में लोकसभा चुनाव होने हैं. देश में 18वीं लोकसभा के लिए सदस्यों का चुनाव अप्रैल महीने तक होने की संभावना है. ऐसे में सभी राजनितिक दल चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. भारतीय जनता पार्टी जहां पूरी तरह से इलेक्शन मोड में हैं वहीं कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बुरी तरह परास्त होने के बाद, हार के कारणों को टटोलने में लगी है. बात अगर कांग्रेस की करें तो वर्त्तमान में कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार हुई है. जो राजनेता कांग्रेस में आकर अपना राजनतिक भविष्य बनाना चाहते थे, उन्हें अपने करियर को लेकर शंका सताने लगी है कि ऐसा ही रहा तो हमारा क्या होगा? क्योंकि ऐसी स्तिथि पूरे देश के साथ रीवा कांग्रेसियों की भी है. रीवा संसदीय क्षेत्र से दो बार से भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत हुई है. और यही हाल रीवा जिले की सभी विधानसभा सीटों का भी है. रीवा लोकसभा क्षेत्र से कोई भी ऐसा नेता समझ नहीं आता जो कांग्रेस की डूबती नैया को पार लगाने की कूवत रखता हो.
Rewa news: रीवा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कांग्रेसी नेता भागते हुई दिखाई दे रहे हैं. शायद उन्हें कांग्रेस की हार अभी से दिखाई दे रही है. और वो हार का ठीकरा अपने सिर फोड़ना नहीं चाहते हैं. बात अगर भारतीय जनता पार्टी की करें तो रीवा विधानसभा क्षेत्र से आने वाले विधायक राजेंद्र शुक्ल को भाजपा ने डिप्टी सीएम का बड़ा पद दिया है. जिसका असर पूरे विंध्य में होता दिख रहा है. ऐसे में राजेंद्र शुक्ल के गृह जिले रीवा में इसका असर होना स्वाभाविक है. यही गणित कांग्रेस को खूब परेशान कर रहा है. तो क्या कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी नहीं हैं? आखिर कौन होगा रीवा से कांग्रेस का उम्मीदवार? तो आइये रीवा से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों के नाम की चर्चा करते हैं.
रीवा संसदीय क्षेत्र से ये हो सकते हैं कांग्रेस के उम्मीदवार
राजमणि पटेल
राज्य सभा सांसद राजमणि पटेल रीवा लोकसभा सीट से कांग्रेस के दावेदार हो सकते हैं. राजमणि पटेल रीवा की सिरमौर विधान सभा से 1972 में पहली बार विधायक चुने गए फिर उसके बाद 1980, 1985 और 1998 में मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए. रीवा जिले में डेढ़ लाख से अधिक पटेल मतदाता होने चलते और उनकी सीनियरिटी को देखते हुए पार्टी उन्हें टिकट दे सकती है.
अजय मिश्रा (बाबा)
उम्मीदवारों की लिस्ट में रीवा महापौर अजय मिश्रा का भी नाम आता है. अजय मिश्रा (बाबा) का नाम विधानसभा चुनाव के दौरान भी खूब चला था. कुछ राजनितिक पंडित तो यहां तक कह रहे थे की रीवा विधानसभा से अजय मिश्रा ही कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब एक बार फिर बाबा का नाम लोकसभा के उम्मीदवारी को लेकर उठ रहा है. क्योंकि महापौर का चुनाव जीतकर अजय मिश्रा कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की नजरों आ गए हैं.
देवराज सिंह पटेल
देवराज सिंह पटेल पहली बार 2009 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की टिकट से सांसद चुने गए थे. 2014 में एक बार फिर बसपा ने उन्हें अपनी टिकट से चुनावी मैदान में उतारा जहां उन्हें भाजपा के जनार्दन मिश्रा के हाथों हार मिली. 2019 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया जिससे वे कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस अगर OBC चेहरे को चुनावी मैदान में उतारने की सोचती है तो इस लिस्ट में उनका नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है.
इसके आलावा अगर अन्य प्रत्याशियों की बात करे तो कांग्रेस पार्टी किसी नए चेहरे के ऊपर भी विचार कर सकती है. इन नए चेहरों में कोई भी अप्रत्यासित नाम हो सकता है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि असेंबली इलेक्शन हारने के बाद राहुल गांधी युवाओं पर ज्यादा भरोषा दिखा रहे हैं. इस लिहाज से किसी भी नए और युवा चेहरे को पार्टी अपना प्रत्याशी बना सकती है.