MP Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश बीजेपी की चुनाव समिति की बैठक में छह लोकसभा सीटों के संभावित उम्मीदवारों के नाम के लिफाफे खुले। इसमें उन नेताओं के भी नाम भी निकले, जो पूर्व में इन सीटों से सांसद रह चुके हैं.
Madhya Pradesh Political News: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियां भारतीय जनता पार्टी ने तेज कर दी है. अब खबर आ रही है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Former Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) कमलनाथ (Kamal Nath) के गढ़ छिंदवाड़ा (Chhindwara) से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। इस खबर को और तूल तब मिल गई जब भोपाल में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक के दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने सुझाव दिया कि छिंदवाड़ा से शिवराज सिंह को भी लड़ा सकते हैं.
भोपाल 7 फरवरी की बात है बीजेपी की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में छह लोकसभा सीटों के संभावित दावेदारों से जुड़े लिफाफे खोले गए. इसमें चौकाने वाली बात यह रही कि इस लिफाफे में उन नेताओं के नाम भी निकले, जो पूर्व में इन सीटों से सांसद रहे हैं. उनमें से कुछ डॉ मोहन यादव की सरकार में मंत्री भी हैं.
छिंदवाड़ा से आया शिवराज सिंह का नाम
Chhindwara BJP Loksabha candidate: मिली जानकारी के अनुसार संभावित दावेदारों के नाम दिल्ली भेजे जाएंगे। अंतिम फैला शीर्ष नेतृत्व का होगा। इस दौरान छह लोकसभा सीटों के बाद जब छिंदवाड़ा का लिफाफा खुला तो कैलाश विजय वर्गीय ने सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा इन नामों के रायशुमारी के आलावा छिंदवाड़ा से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी लड़ाया जा सकता है. मिली जानकारी के मुताबिक विजयवर्गीय ने जब यह नाम सुझाया तो वहां पे मौजूद किसी भी नेता ने कोई प्रत्रिक्रिया नहीं दी.
लोकसभा की इन सीटों पर BJP बहुत जल्द घोषित करेगी प्रत्याशी
माना जा रहा है की भाजपा इस बार प्रदेश की छह लोकसभा सीटों जबलपुर, छिंदवाड़ा, सीधी, दमोह, मुरैना और नर्मदापुरम के प्रत्याशी बहुत जल्द घोषित करेगी। बीजेपी की यह वो सीटें हैं जिनके सांसद विधानसभा चुनाव जीतकर लोकसभा से इस्तीफा दे चुके हैं या फिर पार्टी को इन सीटों पर 2019 लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. बात छिंदवाड़ा की करें तो भाजपा यहां 1998 का प्रयोग दोहराने की तैयारी में हैं. उस दौर का किस्सा ऐसा है कि 1996 में कमलनाथ का हवाला कांड में नाम आने की वजह से कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. तब कमलनाथ अपनी पत्नी अलका को यहां से चुनावी मैदान में उतारा और पत्नी अलका को चुनाव भी जीता ले गए.
तो क्या करेगी BJP?
कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब कमलनाथ को दिल्ली में सांसद रहने के चलते उन्हें लुटियंस दिल्ली में मिला बंगला खली करने का नोटिस मिल गया. कमलनाथ ने बहुत कोशिश की कि यह बंगला उनकी सांसद पत्नी अलका को मिल जाए, लेकिन पहली बार की सांसद होने की वजह से यह बंगला उन्हें नहीं मिल सका. उधर कललनाथ किसी भी कीमत में इस बंगले को छोड़ने को तैयार नहीं थे. इस बंगले के खातिर कमलनाथ ने अपनी पत्नी से संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिलवा दिया और खुद उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बन गए.
तब तक वो हवाला कांड से बरी भी हो चुके थे. भरी तामझाम के साथ उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया। हार कोई यह मान के चल रहा था कि कमलनाथ पांचवीं बार लोकसभा पहुंचेंगे। इसी बीच नामांकन से पहले भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा दाव चलते हुए अपना मध्य प्रदेश के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुरेंद्र पटवा को कमलनाथ के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारकर बजी पलट दी.
क्या कहना है राजनितिक पंडितों का?
राजनितिक जानकारों की माने तो भारतीय जनता पार्टी इसी फॉर्मूले के साथ छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार नकुलनाथ (Nakul Nath) के सामने मध्य प्रदेश भाजपा के सबसे बड़े नेता शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. इसका संकेत चुनाव समिति की बैठक में जबलपुर क्लास्टर के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने दिया, जिसके तहत छिंदवाड़ा लोकसभा सीट भी आती है. राजनितिक गलियारों में कहा जा रहा है कि बीजेपी इस बार किसी भी कीमत पर छिंदवाड़ा सीट जीतकर कमलनाथ के गढ़ होने का मिथक तोड़ने की कोशिश में है.