Author: Jay Ram Shukla | हमारा संविधान जो 35 बार निर्विरोध निर्वाचन पर सुरक्षित रहता है और 36 वें निर्विरोध निर्वाचन पर अचानक खतरे में आ जाता है। सूरत लोकसभा सीट पर सोमवार को भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए हैं। 18वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित होने वाले मुकेश दलाल पहले व्यक्ति बन गए हैं। मुकेश दलाल के निर्विरोध निर्वाचन पर कांग्रेस बुरी तरह बौखला गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में हैं।
राहुल गांधी ने इस मामले पर गुस्सा जाहिर करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा,”तानाशाह की असली ‘सूरत’ एक बार फिर देश के सामने है। जनता से अपना नेता चुनने का अधिकार छीन लेना बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है। मैं एक बार फिर कह रहा हूं-यह सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने का चुनाव है, संविधान की रक्षा का चुनाव है।”
कांग्रेस में इतने बड़े-बड़े वकील और विधि विशेषज्ञ हैं कोई तो राहुल गांधी को समझाएं कि भारतीय लोकतंत्र में निर्विरोध निर्वाचन का यह 36 वां मामला है यानी इसके पहले 35 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। इन निर्विरोध निर्वाचित नेताओं में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस समेत अनेक दलों के नेता शामिल थे, तब लोकतंत्र पूरी तरह सुरक्षित था। जब पहली बार भाजपा का प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुआ तो बाबा साहब के संविधान पर खतरा उत्पन्न हो गया और लोकतंत्र की हत्या हो गई।
आपको बता दें कि वाईबी चव्हाण, फारुक अबदुल्ला, हरे कृष्ण महताब, टीटी कृष्णामाचारी, पीएम सईद,डिंपल यादव सरीखे नेता भी बिना किसी मुकाबले को लोकसभा पहुंच चुके हैं। असली बात तो यह है कि इस बार और पहली बार भाजपा का प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुआ है इसलिए संविधान खतरे में पड़ गया है जबकि 35 बार पहले जब भाजपा को छोड़कर दूसरे दलों के नेता निर्विरोध निर्वाचित हुए थे तो संविधान पूरी तरह सुरक्षित था।
अरे कोई तो इन बावलों को समझाएं कि जब 35 नेता निर्विरोध चुने गए तो संविधान सुरक्षित था जब 36 वां नेता निर्विरोध चुना गया तो संविधान खतरे में कैसे आ गया? पप्पू खुद तो होमवर्क करता नहीं और न हीं उसके मेंटर उसे कुछ सिखाते हैं। यह और कुछ नहीं अबकी बार 400 पार के पहले की बौखलाहट है।