Lok Sabha Election 2024: पहले चरण की इन तीन सीटों पर कौन भारी, क्या सफल होगा BJP का मिशन 29?

Madhya Pradesh News 2024:

Madhya Pradesh News 2024: मध्य प्रदेश में पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को चुनाव होना है. पहले चरण में मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीट जिनमें छिंदवाड़ा, बालाघाट, शहडोल, सीधी, मंडला और जबलपुर लोकसभा सीट पर मतदान कराया जाएगा।

Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए मतदान कराया जाएगा. पहले चरण में मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीट जिनमें छिंदवाड़ा, बालाघाट, शहडोल, सीधी, मंडला और जबलपुर संसदीय क्षेत्र पर मतदान होगा. देश की दोनों बड़ी पार्टियां इन सीटों पर अपना पूरा जोर लगा रही हैं. पहले चरण की 3 सीटों पर कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. इन सीटों पर बीजेपी को कांटे की टक्कर मिल रही है, यही वजह है कि पार्टी के दिग्गज नेता यहां लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. कांग्रेस जहां अपनी सीटों का आंकड़ा बढ़ाने की कोशिश में है तो वहीं बीजेपी इन सीटों पर जीत हासिल कर अपनी साख बचाना चाहती हैं. आइए जानते हैं कि ये 3 सीटें कौन सी हैं, जहां बीजेपी और कांग्रेस की बीच मुकाबला कांटे का माना जा रहा है.

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की वोटिंग की डेट जैसे ही नजदीक आ रही है, वैसे ही राजनीतिक दल बड़ी ही तेजी के साथ चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. बीजेपी कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता इन 3 सीटों पर प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. क्या है मौजूदा स्थिति और कैसा है इस समय इन 3 सीटों पर मुकाबला आइए जानते हैं…

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट

मध्य प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट छिंदवाड़ा पर बीजेपी ने विवके बंटी साहू तो कांग्रेस ने नकुलनाथ को चुनावी मैदान में उतारा है. बीजेपी इस सीट को अपने खाते में जोड़ने के लिए हर पैंतरा आजमा रही है. यही कारण है कि हर रोज CM Mohan Yadav समेत पार्टी के कई आला नेता यहां चुनाव प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 2019 की मोदी लहर में भी बीजेपी इस सीट को जीत नहीं पाई थी. यही कारण है कि बीजेपी यहां फुल्ली फोकस्ड है. अब देखना होगा इस कि बार छिंदवाड़ा की जनता पर मोदी मैजिक का कितना असर पड़ता है.

वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ कहा  कहा जाता है. लेकिन चुनाव से पहले कमलनाथ के करीबी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. यही कारण है कि यहां का मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प हो चुका है. कमलनाथ खुद के दम पर ही यहां वोट मांग रहे हैं, तो वहीं सहयोगियों के साथ छोड़ने को सिमपैथी बटोरने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. फिलहाल यहां राजनीतिक जानकारों की माने तो मुकाबला बराबरी का है. 

मंडला लोकसभा सीट

महाकौशल क्षेत्र में पड़ने वाली मंडला सीट कई मामलों में बेहद महत्वपूर्ण है. एक दौरा था जब यह सीट कांग्रेस के लिए सुरक्षित मानी जाती रही, धीरे-धीरे कांग्रेस की मुट्ठी से यह सीट फिसलती गई और बीजेपी ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली. लेकिन इस बार इस सीट पर बीजेपी की स्थिति एक बार फिर कांग्रेस के जैसी ही नजर आ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि BJP ने यहां से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने मौजूदा विधायक ओमकार सिंह मरकाम मंडला की जीत की जिम्मेदारी दी है.

बताते चलें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में फग्गन सिंह कुलस्ते को करारी शिकस्त मिली थी. कांग्रेस को यहां फग्गन सिंह कुलस्ते की एंटी इंनकमबेंसी का फायदा मिल सकता है. इस सीट पर कुल 20 लाख 97 हजार मतदाता हैं, जिनमें पुरुष और महिला वोटर बराबर की संख्या में मौजूद हैं. इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है, क्योंकि यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतारा है. यही कारण है कि इस सीट पर कांटे की टक्कर मानी जा रही है. 

सीधी लोकसभा सीट

विंध्य क्षेत्र की सीधी लोकसभा सीट से सांसद रहीं रीति पाठक को भाजपा ने विधानसभा का चुनाव लड़ाया था. अब वे विधायक हैं. यही कारण है कि बीजेपी ने यहां से राजेश मिश्रा को तो वहीं कांग्रेस ने कमलेश्वर पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह के बीजेपी से बागी होने के कारण मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस सीट पर पटेल सहित पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद है. कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल का इस क्षेत्र में अच्छा असर है. 

चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में यहां 8 में से कांग्रेस केवल 1 सीट पर ही जीत दर्ज करा पाई थी. इस सीट पर कुल 20 लाख 21 हजार वोटर हैं. जिनमें 10 लाख 47 हजार पुरुष तो 9 लाख 73 हजार महिला वोटर हैं. बीजेपी से बागी हुए अजय प्रताप सिंह के कारण यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. अब देखना होगा कि ये बीजेपी को नुकसान पहुंचाते हैं या फिर नुकसान कांग्रेस का ही होता है. 

इन तीन लोकसभा सीटों पर पहले चरण में ही मतदान होना है, जहां मुकाबला कांटे का माना जा रहा है. नतीजे 4 जून को सामने आएंगे. तभी पता चलेगा कि यहां की जनता ने किसको चुना है.

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