Site icon SHABD SANCHI

Kartarpur गुरुद्वारा परिसर में शराब पार्टी, सिख समुदाय में रोष!

kartarpur

kartarpur

पाकिस्तान में सिखों के धार्मिक स्थल करतारपुर साहिब गुरूद्वारे में शराब और नॉनवेज पार्टी का मामला सामने आया है. पार्टी में जमकर नाच- गाना किया गया और बारबेक्यू में मास पकाया गया. पार्टी के वीडियो के सामने आने के बाद सिख समुदाय में काफी रोस है.

पाकिस्तान में आए दिन अल्पसंख्यकों और उनकी भावनाओं के साथ कुछ न कुछ गलत हरकत के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसा ही एक केस फिर से सामने आया है, जिसने सिख समुदाय की भावनाओं को आहत कर दिया है. अब वे लोग पाकिस्तान की सरकार से सख्त एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं.

भावनाएं भड़काने का यह मामला पाकिस्तान में स्थित सिखों के पवित्र स्थल करतारपुर साहिब गुरूद्वारे से जुड़ा है. दरअसल, दो दिन पहले 18 नवंबर को सिखों के पवित्र दरबार करतारपुर गुरुद्वारे के परिसर में एक पार्टी का आयोजन किया गया, जिसमें पाकिस्तान के कई अफसर मौजूद रहे. इस पार्टी में बारबेक्यू लगाया गया, जिसमें मांस से बनी चीजें पकाई गई. भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने दावा किया कि परिसर में शराब पार्टी भी हुई थी.

गुरुद्वारा दरबार साहिब की दर्शनी देवरी ( मुख्य गेट ) से 20 फ़ीट दूरी पर आयोजित इस पार्टी में नाच- गाना भी हुआ था. तीन घंटे तक चली यह पार्टी रात आठ बजे से 11 बजे तक चली, जिसमें लगभग 90 लोग मौजूद रहे. बताया गया कि इस पार्टी का आयोजन करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के सीईओ सैयद अबू बकर कुरैशी ने किया था. इसमें नरोवाल जिले के पुलिस उपायुक्त मोहम्मद शाहरुख़ के साथ पुलिस विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे.

अब एक्शन लेने की मांग की जा रही है.

इस घटना के बाद सिख नेता और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि, मै गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के पवित्र परिसर के अंदर शराब और मांस पार्टी से जुड़ी अपवित्र घटना की निंदा करता हूं. यह निराशाजनक है कि करतारपुर गुरुद्वारा प्रबंधन समिति भी इसमें शामिल रही. मै सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान सरकार से आग्रह करता हूं. पाकिस्तान सरकार को अल्पसंख्यकों की आस्था को कम नहीं करना चाहिए।

क्यों ख़ास है करतारपुर साहिब?

ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर गुरुद्वारा को गुरु नानक देव जी ने बनवाया था. इसी में उन्होंने अपनी सांसें भी ली थी, जिसके बाद उनकी समाधि भी यहीं बनाई गई. लेकिन भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद यह क्षेत्र पाकिस्तान के हिस्से में चला गया.

Exit mobile version