NEET UG 2025: इंदौर में 5 मई को भारी बारिश (2.7 इंच) और 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने बिजली व्यवस्था को पूरी तरह प्रभावित किया। शहर के 11-12 परीक्षा केंद्रों, जैसे स्कीम नंबर 78 के सरकारी स्कूल और पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 1, में बिजली गुल होने से परीक्षा हॉल अंधेरे में डूब गए। कई केंद्रों पर बैकअप जनरेटर या आपातकालीन लाइट की व्यवस्था नहीं थी।
NEET UG 2025: 5 मई 2025 को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2025) के दौरान मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली आपूर्ति बाधित हुई। इस घटना ने हजारों छात्रों को प्रभावित किया, जिन्हें अंधेरे में, मोमबत्ती या आपातकालीन लाइट की रोशनी में परीक्षा देनी पड़ी। इस गंभीर अव्यवस्था के खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए नीट यूजी 2025 के परिणामों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA), स्थानीय बिजली वितरण कंपनी, और संबंधित परीक्षा केंद्रों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
क्या हुआ था इंदौर में?
इंदौर में 5 मई को भारी बारिश (2.7 इंच) और 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने बिजली व्यवस्था को पूरी तरह प्रभावित किया। शहर के 11-12 परीक्षा केंद्रों, जैसे स्कीम नंबर 78 के सरकारी स्कूल और पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 1, में बिजली गुल होने से परीक्षा हॉल अंधेरे में डूब गए। कई केंद्रों पर बैकअप जनरेटर या आपातकालीन लाइट की व्यवस्था नहीं थी। छात्रों ने बताया कि वे प्रश्नपत्र पढ़ने में असमर्थ थे, जिससे उनकी परीक्षा में बाधा उत्पन्न हुई। कुछ छात्रों को मोमबत्ती की रोशनी में पेपर हल करना पड़ा, जबकि कई ने 15-20 सवाल छोड़ दिए।
छात्रों ने इस अव्यवस्था के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और पुनः परीक्षा की मांग की। एक छात्र पवन नगर ने कहा, “अंधेरे की वजह से मैं 15-20 सवाल नहीं हल कर पाया।” दूसरी बार परीक्षा दे रही साक्षी ने बताया कि खराब रोशनी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।
हाईकोर्ट का सख्त रुख
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नीट यूजी 2025 के परिणामों पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने एनटीए, बिजली कंपनी, और परीक्षा केंद्रों को 30 जून तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बैकअप पावर की कमी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए ऐसी लापरवाही अस्वीकार्य है। इस घटना से लगभग 5,000 से अधिक छात्र प्रभावित हुए, जिनमें से कई ने मानसिक तनाव और निराशा की शिकायत की।
छात्रों ने की पुनः परीक्षा की मांग
प्रभावित छात्रों और उनके अभिभावकों ने एनटीए से प्रभावित केंद्रों पर पुन: परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। सोशल मीडिया पर भी #NEET2025 और #ReNEET जैसे हैशटैग के साथ छात्र अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
एनटीए पर सवाल
एनटीए पहले भी नीट परीक्षाओं में अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर चुकी है। 2024 में पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स विवाद ने एजेंसी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। इस बार बिजली गुल होने की घटना ने एनटीए की तैयारियों की पोल खोल दी। कोर्ट ने एनटीए से पूछा है कि इतने बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए बैकअप व्यवस्था क्यों नहीं थी।