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LIC Investment Adani Controversy: Adani पर LIC के निवेश से इतना बवाल क्यों?

LIC Investment Adani Controversy: भारत की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) का काम ही है पॉलिसीधारकों के प्रीमियम को सुरक्षित निवेश के जरिए बढ़ाना। दशकों से LIC रिलायंस, टाटा, HDFC जैसी सैकड़ों कंपनियों में अरबों रुपये लगा रही है, जिससे उसके पोर्टफोलियो की वैल्यू मार्च 2025 तक ₹15.18 लाख करोड़ तक पहुंच गई। लेकिन मई 2025 में अडानी ग्रुप में ₹5,000 करोड़ का बॉन्ड निवेश और कुल ₹33,000 करोड़ की प्रस्तावित योजना ने विपक्ष को भड़का दिया। कांग्रेस और TMC इसे “क्रोनी कैपिटलिज्म” बता रही है, जबकि सरकार चुप्पी साधे हुए है। सवाल उठ रहा है: LIC का रूटीन निवेश ही तो है, फिर इतना बवाल क्यों?

LIC ने Adani पर कितना निवेश किया

How much did LIC invest in Adani: LIC के पास कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹54.52 लाख करोड़ है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा इक्विटी और बॉन्ड्स में लगता है। कंपनी 282-351 कंपनियों में निवेश करती है, जो SEBI और IRDAI नियमों के तहत होता है (सिंगल कंपनी में 10% से ज्यादा स्टेक नहीं)। अडानी में निवेश भी इसी सिलसिले का हिस्सा है मार्च 2024 तक ₹88,897 करोड़ (अब ₹64,414 करोड़ तक बढ़ा)। लेकिन विवाद का केंद्र यह है कि अडानी पोर्ट्स के बॉन्ड में LIC एकमात्र निवेशक बनी, जब विदेशी बैंक अमेरिकी जांच के डर से पीछे हट गए। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय, DFS और नीति आयोग ने मई 2025 में $3.9 बिलियन (₹33,000 करोड़) का प्लान बनाया, जिसमें अडानी को “राष्ट्रीय हित” से जोड़ा गया।

LIC के MD & CEO सिद्धार्थ मोहनटी ने अगस्त 2024 में कहा था कि FY25 में ₹1.30 लाख करोड़ नए इक्विटी निवेश होंगे। यह निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंकिंग और IT जैसे सेक्टर्स में फैला है। लेकिन विपक्ष का तर्क है: पब्लिक मनी (30 करोड़ पॉलिसीधारकों का) का इस्तेमाल प्राइवेट ग्रुप के कर्ज चुकाने के लिए क्यों?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 25 अक्टूबर को कहा, “LIC के 30 करोड़ पॉलिसीधारकों की सेविंग्स का दुरुपयोग अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए हो रहा है।” राहुल गांधी ने जून 2025 में ट्वीट किया: “पैसे, पॉलिसी, प्रीमियम आपका — सुरक्षा, सुविधा, फायदा अडानी का?

MC की महुआ मोइत्रा ने इसे “टैक्सपेयर्स का पिग्गीबैंक” बताया। विपक्ष PAC (पब्लिक अकाउंट्स कमेटी) से जांच की मांग कर रहा है, और पुराने हिंडनबर्ग रिपोर्ट (2023) का हवाला दे रहा है, जिसमें LIC को ₹3,200 करोड़ का नुकसान हुआ था।

SEBI ने हिंडनबर्ग के कई आरोप खारिज कर दिए, और सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दी। अडानी ग्रुप ने कहा कि यह “राजनीतिक हमला” है। LIC का अडानी में स्टेक सिर्फ 3.76% है, जबकि रिलायंस में 6.74%। कुल पोर्टफोलियो में अडानी का हिस्सा छोटा है.

LIC ने किन कंपनियों में कितना निवेश किया

How much did LIC invest in which companies:

कंपनी/ग्रुपनिवेश वैल्यू (₹ लाख करोड़ में)स्टेक (%)नोट्स
रिलायंस इंडस्ट्रीज1.34 (अकेले RIL: 1.2)6.74सबसे बड़ा होल्डिंग, 25% रिकवरी से ₹26,515 करोड़ फायदा
ITC0.80 (अनुमानित)15.26FMCG सेक्टर, उच्च स्टेक
TCS0.60IT सेक्टर, टाटा ग्रुप
इंफोसिस0.62IT, ₹62,432 करोड़
HDFC बैंक0.66बैंकिंग, उच्च % होल्डिंग
SBI0.649.49हाल में ₹7,100 करोड़ अतिरिक्त
L&T0.66इंफ्रा, ₹66,272 करोड़
NSE0.6610.75वां सबसे वैल्युएबल होल्डिंग
अडानी ग्रुप0.64 (कुल 10+ कंपनियां)3.76विवादास्पद, 49% वैल्यू बढ़ोतरी
टाटा ग्रुप (कुल)0.89TCS, टाटा मोटर्स आदि

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