Less Sleep Effect : सही नींद व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखती है। किसी भी व्यक्ति को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। अगर आप 7 घंटे से कम सोते हैं तो तो आपकी सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि कम नींद लेने लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही कम नींद लेने से लेने से सोचने समझने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए एक में हम आपको बताएंगे कि कम नींद लेने से शरीर पर क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ता है…
एक दिन में कितने घंटे सोना जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार, उम्र के हिसाब से हर इंसान को कितना सोना जरूरी होता है। स्वस्थ वयस्कों (18 से 60 वर्ष) को प्रति रात कम से कम सात-नौ घंटे की नींद लेना आवश्यकता होता है। 4 से 12 महीने के बच्चे को कम से 12 से 16 घंटे तक सोना जरूरी होता है। जबकि 1 से 2 साल के बच्चों को 11 से 14 घंटे की नींद लेनी चाहिए। 3 से 5 वर्ष की उम्र में बच्चों को 11 से 14 तक घंटे सोना चाहिए। जब बच्चा 6 से 12 साल की उम्र में होता है तो उसे 9 से 12 घंटे तक की नींद लेनी चाहिए। टीनेज ( 13 से 17 वर्ष ) में 8 से 10 घंटे तक सोना जरूरी होता है।
Less Sleep Effect : कम नींद लेने के नुकसान
चिकित्सकों का मानना है कि उम्र के अनुसार कम नींद (Less Sleep Effect) लेने से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। कम नींद लेने से शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की बीमारियां होने का खतरा रहता है। मानव शरीर का संचालन मस्तिष्क से होकर गुजरता है। जब व्यक्ति काम नींद लेट है तो उसका सबसे पहले असर मस्तिष्क पर ही पड़ता है। जिससे शरीर का संचालन बाधित हो जाता है। कई बार नींद कम लेने की वजह से कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। क्योंकि नींद का शरीर के इम्यून सिस्टम से गहरा संबंध होता है। 7 घंटे से कम यानी 5 से 6 घंटे की नींद लेने पर भी शरीर बीमारियों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है।
बढ़ जाता है कैंसर का खतरा
वर्तमान में कैंसर के कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें पीड़ित व्यक्ति कम नींद लेने ले रहें थे। रिपोर्ट में पाया गया कि कैंसर पीड़ित 24 घंटे में केवल 4-5 घंटे ही सोते थे। कम नींद (Less Sleep Effect) लेने कि वजह से उनका शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं था। इसलिए वो कैंसर की चपेट में आ गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि कम सोने से प्रोस्टेट, ब्रेस्ट और कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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चली जाती है सोचने-समझने की शक्ति
रात को सोते समय व्यक्ति के मस्तिष्क पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। नींद के दौरान व्यक्ति का मस्तिष्क शून्य हो जाता है। इसके विपरीत जब व्यक्ति नींद कम लेता है तो उसकी सोने और समझने की शक्ति भी कमजोर हो जाती है। हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपेरिमेंटल ब्रेन रिसर्च में पाया गया कि रात को सोने समय दिमागी क्रिया प्रभावित होती है। ये स्मृति, निर्णय लेने, तार्किक बुद्धि की क्षमता पर नकारात्मक असर डालता है।
कम नींद (Less Sleep Effect) से प्रभावित होते हैं सेक्स हार्मोन
कम नींद लेने से सबसे ज्यादा प्रभावित पुरुष होते हैं। अगर कोई पुरुष एक सप्ताह तक लगातार 5 घंटे से भी कम नींद लेता है तो उसका टेस्टोस्टेरॉन लेवल कम होने लगता है। जिसकी वजह से सेक्स हार्मोन प्रभावित होते हैं। सेक्स हार्मोन का स्तर 10 से 15 प्रतिशत कम हो जाता है।
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मोटापा बढाने का खतरा
5 घंटे से कम नींद लेने वाले लोगों में मोटापा बढ़ाने की समस्या भी देखी गई है। आजकल युवाओं में भी मोटापा बढ़ाने की समस्या आम हो चुकी है। जिसकी वजह 7 घंटे से कम सोना (Less Sleep Effect) है। युवाओं को रात में लगभग 7 से 8 घंटे तक की नींद लेनी जरूरी है।