Lenskart Stock Latest Updates: बीते दिन यानी 10 नवंबर को लेंसकार्ट सॉल्यूशंस का बहुप्रतीक्षित आईपीओ शेयर बाजार में उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा. कंपनी का शेयर NSE पर 402 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले 395 रुपये पर लिस्ट हुआ, यानी करीब 1.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ. लिस्टिंग के बाद यह शेयर दिन में 413.75 रुपये तक पहुंचा, लेकिन बाद में थोड़ी गिरावट के साथ 404.55 रुपये पर बंद हुआ. हालांकि आज 11 नवंबर को शेयर 415 पर बंद हुआ.
गौरतलब है कि, लिस्टिंग के दिन कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 70,184.17 करोड़ रुपये पर रहा. हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि IPO के बाद निवेशकों को जल्दबाजी में इस शेयर में एंट्री नहीं करनी चाहिए.
Experts ने दी सतर्कता की सलाह
SBI सिक्योरिटीज के फंडामेंटल रिसर्च हेड सनी अग्रवाल ने कहा कि, लिस्टिंग के बाद निवेशकों को कंपनी के प्रबंधन द्वारा आने वाले महीनों में दी जाने वाली जानकारी पर ध्यान देना चाहिए. 2-3 तिमाहियों के नतीजों को देखकर ही निवेश का निर्णय लेना उचित रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर चल रही अपुष्ट खबरों पर भरोसा करने के बजाय डेटा-आधारित फैसले लेना ज्यादा बेहतर होगा. यह निवेशकों को कंपनी की वास्तविक ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी को समझने में मदद करेगा.
IPO को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स
Lenskart का 7,278 करोड़ रुपये का आईपीओ निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय रहा. इस इश्यू को कुल मिलाकर 28.26 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. हाई नेटवर्थ निवेशकों (NII) का हिस्सा 18.23 गुना, जबकि रिटेल निवेशकों का हिस्सा 7.54 गुना सब्सक्राइब हुआ.
इस मजबूत रिस्पॉन्स के बावजूद लिस्टिंग डे पर कंपनी का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा, जो हाल के बड़े IPO की तरह एक बार फिर “सब्स्क्रिप्शन तो हॉट, पर लिस्टिंग फ्लैट” ट्रेंड को दोहराता है.
वैल्यूएशन को लेकर उठे सवाल
Angel one के सीनियर एनालिस्ट वकार जावेद खान के अनुसार, Lenskart भारत के संगठित आईवियर मार्केट में लीडर है और ब्रांड की पहचान भी काफी मजबूत है, लेकिन मौजूदा वैल्यूएशन बहुत महंगी है.
कंपनी का FY25 के लिए प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) रेशो 235 गुना बताया गया है, जबकि रिटेल सेक्टर की अन्य कंपनियां, जैसे ट्रेंट और मेट्रो ब्रांड्स, क्रमशः 107 और 88 गुना P/E पर ट्रेड कर रही हैं.
भले ही लेंसकार्ट की ब्रांड वैल्यू शानदार है, लेकिन इसकी कीमत अन्य रिटेल कंपनियों की तुलना में लगभग दोगुनी है. हम चाहते हैं कि कंपनी अगले कुछ तिमाहियों में प्रॉफिटेबिलिटी सुधार दिखाए और वैल्यूएशन में कुछ स्थिरता आने के बाद ही इस स्टॉक में एंट्री पर विचार किया जाए. अब चुनौती है कि वह मजबूत ब्रांड इमेज को मुनाफे में कैसे बदलती है.
आपको बताएं की निवेशक शेयर के व्यवहार पर नजर रख रहे हैं और कंपनी के प्रबंधन से स्पष्ट भविष्य योजना की उम्मीद कर रहे हैं. आने वाले महीनों में इसका प्रदर्शन तय करेगा कि लेंसकार्ट लंबी अवधि के निवेशकों के लिए कितनी आकर्षक साबित होती है.

