ये नेता चिट्ठी पर तमिल भाषा में दस्तखत भी नहीं करते – PM MODI, हिंदी को लेकर मोदी का बयान सुना क्या

पीएम मोदी (PM MODI) ने हिंदी के खिलाफ स्टालिन और तमिलनाडु के नेताओं के बयानों पर बिना नाम लिए ही चिह्न की बात करके निशाना साधा है

पीएम नरेंद्र मोदी (PM MODI) रविवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम में थे। तमिलनाडु को हजारों करोड़ की योजनाओं की सौगात देने के बाद पीएम मोदी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस जनसभा में पीएम मोदी ने भगवान राम को याद किया और कहा कि राष्ट्र निर्माण में भगवान राम के चरित्र की बहुत बड़ी भूमिका है।

यह भी पढ़ें – WAKF AMENDMENT BILL: पांच साल धर्म का पालन करने वाला ही दानी! जानिए किन शर्तों का होगा सामना

PM MODI ने साधा निशाना

जनसभा में पीएम मोदी (PM MODI) ने कहा कि सरकार तमिल भाषा और संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज देशभर के लोग बीजेपी सरकारों के अच्छे कामों को देख रहे हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है जब उन्हें तमिलनाडु के कुछ नेताओं की चिट्ठियां मिलती हैं। मोदी ने कहा कि ये नेता चिट्ठी पर तमिल भाषा में दस्तखत भी नहीं करते हैं।

हिंदी भाषा के खिलाफ सिलसिलेवार बयान – PM MODI

तमिल भाषा को लेकर पीएम मोदी (PM MODI) का नेताओं पर निशाना बेवजह नहीं है। पिछले कुछ समय से तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन हिंदी भाषा के खिलाफ सिलसिलेवार बयान दे रहे हैं। स्टालिन और तमिलनाडु की तमाम पार्टियां और नेता त्रिभाषा फॉर्मूले के तहत स्कूलों में हिंदी पढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं। हाल ही में जब स्टालिन सरकार ने बजट पेश किया था, तब भी उसने बजट दस्तावेजों से रुपये का चिह्न हटाकर उसकी जगह तमिल चिह्न रुपैया रख दिया था। स्टालिन और राज्य के कई नेता कहते रहे हैं कि अगर तमिलनाडु में हिंदी पढ़ाई जाएगी तो तमिल भाषा और संस्कृति नष्ट हो जाएगी।

श्री राम सेतु देखा, पुल का उद्घाटन किया

पीएम मोदी (PM MODI) ने हिंदी के खिलाफ स्टालिन और तमिलनाडु के नेताओं के बयानों पर बिना नाम लिए ही चिह्न की बात करके निशाना साधा है। अपनी जनसभा से पहले पीएम मोदी ने रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने नए पंबन पुल का उद्घाटन भी किया। इससे पहले श्रीलंका से भारत लौटते वक्त पीएम मोदी ने हेलीकॉप्टर से राम सेतु का वीडियो भी बनाया था और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया था। पीएम मोदी द्वारा तमिल में चिह्न का मुद्दा उठाए जाने के बाद एक बार फिर तमिलनाडु की राजनीति गरमाने की संभावना है। पहले से ही बीजेपी स्टालिन पर यह कहकर पलटवार कर रही है कि डीएमके नेताओं के निजी स्कूलों में भी हिंदी पढ़ाई जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *