लक्ष्मण तिवारी रीवा जिले की मऊगंज सीट से विधायक रह चुके हैं, अब सिरमौर से सपा की तरफ से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे
रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के पूर्व बीजेपी नेता लक्ष्मण तिवारी ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. 2008 में भारतीय जनशक्ति पार्टी से मऊगंज के विधायक रहे लक्ष्मण तिवारी कुछ वर्षों के लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ भी रहे, लेकिन अब उन्होंने सपा ज्वाइन कर ली है और अब समाजवादी पार्टी नेता के तौर पर जिले के सिरमौर क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
लक्ष्मण तिवारी रविवार की शाम 4 बजे लखनऊ में मौजूद समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुचें, वहां सपा के प्रमुख अखिलेश यादव से भेंट करने के बाद समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेली। इस दौरान उनके निज सहायक मयंक चतुर्वेदी भी मौजूद रहे.
मऊगंज से विधायक थे
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती द्वारा स्थापित भारतीय जनशक्ति पार्टी से लक्ष्मण तिवारी ने अपने राजनितिक सफर की शुरुआत की थी. वह 2008 के विधानसभा चुनाव में मऊगंज से पहली बार विधायक बने। पर 2013 के विधानसभा चुनाव में उमा भारती के दल कहे जाने वाले भारतीय जनशक्ति पार्टी का भाजपा में विलय हो गया।
बीजेपी ने भी लक्ष्मण तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया मगर वो कांग्रेस नेता सुखेन्द्र सिंह बन्ना से चुनाव हार गए. 2018 में बीजेपी ने उन्हें दूसरा मौका नहीं दिया, उनकी जगह प्रदीप पटेल को उतारा गया. ऐसे में उन्होंने बीजेपी का दामन छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन फिर हार गए.
अब सपा की साइकल में सवार तिवारी
समाजवादी की सदस्यता लेने के बाद लक्ष्मण तिवारी सिरमौर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बने हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन माना यही जा रहा है कि मऊगंज से तिवारी को जीतने लायक वोट नहीं मिलने वाले, इसी लिए उन्होंने खुद ही सिरमौर सीट को चुना है.
सिरमौर चुनने की वजन ये भी हो सकती है कि यहां बसपा के कैंडिडेट वीडी पांडे हैं और बीजेपी से दिव्यराज सिंह। सिरमौर में बसपा का कोई स्कोप नहीं समझ में आता और दिव्यराज दो बार से यहां विधायक हैं, जिनका तीसरी बार इसी सीट से चुनाव लड़ना तय हैं. लेकिन उनकी जनता में पकड़ अब कमजोर दिखाई देने लगी है.
वहीं कांग्रेस से पूर्व मंत्री राजमणि पटेल, प्रदीप सिंह पटना और पूर्णिमा तिवारी के बीच किसी को सिरमौर का टिकट मिल सकता है. आम आदमी पार्टी की तरफ से पूर्व विधायक राजकुमार उरमलिया या फिर सरिता पाण्डेय के नाम की घोषणा हो सकती है. देखा जाए तो सिरमौर सीट का चुनाव बड़ा दिलचप्स होने वाला है.