भारत में रेलवे को ऐसे ही रीढ़ की हड्डी नहीं कहा जाता है आपको पता ही होगा भारतीय रेल देशभर के भीतर ट्रांस्पोर्टेशन का सबसे बड़ा साधन है, और Indian Railways हमेशा यात्रियों को हमेशा बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर फोकस करता है. ऐसे में आज हम आपको ऐसी ट्रेन के बारे में बताएंगे जो यात्रा के लिए तो है ही लेकिन सफर एक के दौरान खाने-पीने से लेकर अलग-अलग तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. बढ़ते टेक्नोलॉजी के युग में अब तो Train की सीट में बैठे बैठे आप खाना पीना ऑर्डर कर देते हैं और आपकी सीट पर खाना आ जाता है.
लंगर वाली Train
आपने कभी सोचा है की कोई ऐसी भी ट्रेन होगी जो इस तरह लंगर देने वाली होगी बस यही नहीं सुनकर भी अटपटा सा लगता है लेकिन यह सच है एक ऐसी ट्रेन ऐसी है जिसमें यात्रियों को लंगर की सुविधा मिलती है, जिससे वे फ्री में Lunch, Breakfast और Dinner तीनों कर सकते हैं. इस ट्रेन का नाम और नंबर Amritsar Nanded Sachkhand Express 12716 (अमृतसर-नांदेड़ सचखंड एक्सप्रेस) है, गौरतलब है कि यह ट्रेन नांदेड़ और अमृतसर के बीच चलती है.
29 साल से मिल रही मुफ्त भोजन सुविधा
अब सबसे बड़ी बात यह है की यह ट्रेन ना सिर्फ अब खाना फ्री दे रही है बल्कि बीते 29 वर्षों से यात्रियों फ्री भोजन दे रही है. इस ट्रेन में आपको खाना ले जाने की जरूरत नहीं होती है. यह Train 2081 किमी का सफर पूरा करने में 33 घंटे का समय लेती है. 39 स्टेशन पर रुकती है और इनमें से 6 स्टेशनों पर यात्रियों के लिए लंगर की व्यवस्था की जाती है. इतना ही नहीं Train का Stop भी यात्री के हिसाब से होता है जिससे की पैसेंजर आराम से लंगर खा सकें. General Coach से लेकर AC Coach तक के सभी यात्री इस यात्रा के दौरान अपने-अपने बर्तन साथ लेकर आते हैं. New Delhi और Dabra Railway Station पर लंगर की व्यवस्था दोनों तरफ से रहती है.
कहाँ से आता है लंगर का पैसा
आपको बताएं इस लंगर के लिए गुरुद्वारों को मिलने वाले दान से पूरा होता है. और ऐसा भी नहीं है की इस लंगर में कुछ भी खाने का पकडा दिया जाता है, जी हां इस लंगर के खाने में कढ़ी-चावल, छोले, दाल, खिचड़ी और आलू-गोभी या दूसरी सब्जी परोसी जाती हैं.
हफ्ते के सातों दिन चलती है यह Train
गौरतलब है कि 1995 के साल में इस Train को Weekly Basis पर चलाया जाता था, जिसके बाद में हफ्ते में दो बार चलाया जाने लगा. और यह सिलसिला लगातार आगे बढ़ने लगा और साल 1997-1998 के दौरान हफ्ते में 5 दिन चलने लगी. और साल 2007 से इस हफ्ते के सातों दिन चलाया जाने लगा और अभी तक लगातार सातों दिन चल रही है.