Land For Job Case: बेल पर निकले लालू फिर पहुचें जेल; बेटे से भी हो रही पूछताछ 

Land For Job Case

Land For Job Case: “लैंड फॉर जॉब” का मामला बिहार में एक बार फिर तूल पकड़ते दिख रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 जनवरी को बिहार के पूर्व  डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पूछ-ताछ के लिए बुलाया। मालूम हो कि ED ने इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और तेजस्वी  यादव के पिता लालू यादव से भी पूछताछ कर चुकी है. बताया जा रहा है कि ED ने 19 जनवरी के दिन तेजस्वी को सामान भेजा था. और 30 जनवरी को पटना स्थित ED के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा था. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, ED ने लालू यादव से 29 जनवरी को लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की थी. बताया जा रहा है कि लालू यादव से करीब 70 से ज्यादा सवाल पूछे गए थे. जिसमे से हर सवाल का जवाब देने में लालू ने डेढ़ से दो मिनट का समय लिया था. ED ने जमीन के बदले नौकरी देने, मरछिया देवी कॉम्प्लेक्स में फ्लैटों की खरीद और बिक्री को लेकर, पटना में ली गई 1 लाख, 5 हजार 292 वर्गफीट जमीन के बारे में सवाल किया। दिल्ली के नई फ्रेंड्स कॉलोनी की प्रॉपर्टी और मेसर्स एके इन्फ़ोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेचीं गई जमीन से जुड़े सवाल पूछे गए. बता दें कि इस फर्म को जमीन बेचने वाले लालू यादव के दो भतीजों को रेलवे में नौकरी दी गई थी. ED द्वारा  को जमीन बेचने वाले लालू यादव के दो भतीजों को रेलवे में नौकरी दी गई थी. अभ्यर्थियों से ‘चार प्लॉट सिर्फ 7.5 लाख रुपए में खरीदे जाने’ और पूर्व CM राबड़ी देवी द्वारा ‘अबू दोजाना’ को 3.5 करोड़ में जमीन बेचे जाने पर भी सवाल किया गया. 

ED ने जब जब लालू यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था. तब उनके बेटी और राजद सांसद डॉक्टर मीसा भारती ने कहा कि लालू यादव खुद खा नहीं सकते, किसीको उन्हें खिलाना पड़ता है. चूँकि चुनाव नजदीक है और पीएम दरें हुए हैं इसलिए ऐसी चीजे कर रहें हैं. “यह सरकार मेरे पिता को तो गिरफ्तार कर सकती है, पर एक बीमार आदमी को गिरफ्तार करके उन्हें क्या मिलेगा?” बताया जा रहा है कि मीसा लालू यादव के लिए खाना लेकर ED के दफ्तर भी पहुंची थी.

क्या है “लैंड फॉर जॉब” घोटाला? 

what is land for job scam: अगर आपको “लैंड फॉर जॉब” के बारे में बताए तो इसका सीधा मतलब जमीन के बदले जॉब देना था. जैसा कि नाम से ही स्पस्ट है. यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जिस दौरान 7 लोगों को रेलवे के ग्रुप-डी की नौकरी भी दी गई थी. बाद में जिनको नौकरी मिली उनके द्वारा यह आरोप लगाया गया कि नौकरी के बदले बहुत काम दर जमीनों को लालू यादव के नाम किया गया है. 

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आरोप यह भी लगा कि इन नियहकतियों की कोई नोटिसद तक नहीं जारी की गई नाही कोई विज्ञापन निकला गया. पश्चिम और मध्य के रेलवे जोन ने तो कुछ उम्मीदवारों के आवेदन को बिना पता के ही स्वीकृति दे दी. और जब जमीन का सौदा पक्का हो गया तो इन सभी नौकरी पाने वालों को रेलवे द्वारा रेगुलर कर दिया गया. 

बता दें, इस मामले में लालू यादव से पहले ED तेजस्वी, राबड़ी और मीसा भारती, चंदा यादव और रागिनी यादव से भी पूछताछ कर चुकी है. आज यानि 30 जनवरी को तेजस्वी यादव को ED ने एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया है. 

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