LK Advani admitted Apollo Hospital : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे न्यूरो संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है। 96 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
लंबे समय से बीमार हैं आडवाणी। LK Advani admitted Apollo Hospital
आडवाणी को बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें इस साल कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जुलाई में दिल्ली एम्स से छुट्टी मिलने के कुछ दिनों बाद ही उन्हें अपोलो में भर्ती कराया गया था। लालकृष्ण आडवाणी 97 वर्ष के हैं। पिछले 4-5 महीने में उन्हें चौथी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खबरों के मुताबिक पूर्व उप प्रधानमंत्री डॉक्टरों की निगरानी में हैं। उनकी तबीयत स्थिर बनी हुई है।
कराची में हुआ था आडवाणी का जन्म ।
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। वे 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। वे 1986 से 1990 तक, फिर 1993 से 1998 तक और 2004 से 2005 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वे पार्टी के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले व्यक्ति भी रहे हैं। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री भी रहे।
कैसा रहा आडवाणी का राजनीतिक सफर
1980 में भाजपा के गठन के बाद 80 के दशक में लाल कृष्ण आडवाणी एक सांगठनिक नेता के तौर पर उभरे, जिसके बाद वे उप प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे। आडवाणी लंबे समय तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। 22 अक्टूबर 2020 को भाजपा के तीन नेताओं विनोद तावड़े, अरुण सिंह और शोभा कर्दलाजे ने 6 साल के आडवाणी को सक्रिय सदस्य बनाया। उसी दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल कृष्ण आडवाणी के घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। 2015 में आडवाणी को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
वाजपेयी सरकार में वे उप प्रधानमंत्री थे। LK Advani admitted Apollo Hospital
लालकृष्ण आडवाणी ने करीब तीन दशक का संसदीय करियर देखा है। वे उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी का निर्माण किया और उसे राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया। लालकृष्ण आडवाणी को कभी पार्टी का कप्तान, कभी लौह पुरुष तो कभी पार्टी का असली चेहरा कहा जाता था। उन्हें भारतीय जनता पार्टी का आर्किटेक्ट भी कहा जाता है। आडवाणी ने 2002 से 2004 तक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 1980 में जनता पार्टी के विघटन के बाद आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना की।
1990 में रथ यात्रा का नेतृत्व किया।
आडवाणी के राजनीतिक जीवन में एक मील का पत्थर राम जन्मभूमि आंदोलन का उनका नेतृत्व था। अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की वकालत करते हुए उनकी 1990 की रथ यात्रा ने हिंदू राष्ट्रवादी भावनाओं को उभारा और उन्हें एक प्रमुख जन नेता के रूप में स्थापित किया। अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी दोनों ने मिलकर पार्टी की विचारधारा को आकार देने और पूरे भारत में इसके प्रभाव का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।