रीवा की लाखों महिलाएं हो जाएगी बेरोजगार, पहुची कलेक्टर दरवार

रीवा। मध्यांन भोजन बनाने वाली रसोईया अपने रोजगार को लेकर चिंतित हो गई है। मंगलवार को तकरीबन आधा सैकड़ा महिलाएं कलेक्टर कार्यालय पहुची और उन्होने अपनी समस्या से अवगत कराया है। उन्होने बताया कि वे स्वसहायत समूह से जुड़ी हुई महिलाएं है और वे सरकारी स्कूलों के लिए भोजन बनाने का काम करती है, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था के चलते उन्हे रोजगार का संकट आ जाएगा। ऐसे में वे कलेक्टर प्रतिभा पाल के पास अपनी समस्या लेकर आए है।

सेन्ट्रल किचन से जोड़ा जा रहा मध्यान भोजन

कलेक्ट्रेट में शिकायत लेकर पहुची महिलाओं का कहना है कि मध्यांन भोजन को सेन्ट्रल किचन से जोड़ा जा रहा है। ऐसे में उनके रोजगार छिन जाएगें और रीवा एवं मउगंज जिले में मिलाकर स्वसहायत समूह की लाखों महिलाए बेरोजगार हो जाएगी, जबकि वर्षो से वे बच्चों की रसाई को सम्हाल रही है और इससे उनका रोजगार भी चल रहा है। अगर सेन्ट्रल किचन को स्कूलों की रसाोई का काम भी दे दिया जाएगा तो इतने सालों से रसोई का काम कर रही महिलाएं आखिरी क्या करेगी। उनकी मांग है कि जिला प्रशासन उनकी समस्या को समझे और सेन्ट्रल किचन से मध्यांन भोजन को अलग रखे।

सरकार रोजगार की करती है बात

महिलाओं का कहना है कि सरकार महिलाओं को रोजगार देने की बात कह रही है। स्वसहायता समूह की शुरूआत की गई और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए इस तरह के काम से जोड़ा गया। अब उनके काम को सामाप्त किया जा रहा है। ऐसे में उनके पास रोजगार का संकट हो जाएगा। स्वसहायता समूह के लोगो ने बताया कि गुढ़ विधायक नाग्रेन्द्र सिह से भी उन्होने इस सबंध में अवगत कराए है। उन्होने इसके लिए कलेक्टर को पत्र भी लिखा है।

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