Kuyen Ko Kaise Saaf Karen | मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालो से कुएं में गैस रिसाव के चलते कई दुर्घटनाएं सामने आईं हैं। इन घटनाओं में कई लोगो ने अपनी जान गवां दी है। यह घटनाएं ज़्यादातर कुएं की साफ़ सफाई के दौरान ग्रामीणों में होती है।
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Madhya Pradesh Pollution Control Board) के क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर द्वारा सूखे कुएं में उतरने से कई तरह की दुर्घटनाओं की संभावना से अवगत कराते हुए विभिन्न प्रकार की साँवधानियां बरतने हेतु दिशा निर्देश जारी किये गए हैं।
बता दें की Hydrogen sulfide, carbon monoxide, methane, carbon dioxide जैसी खतरनाक गैसों की उपस्थिति बेहोशी, घुटन और मृत्यु का कारण बन सकती है। सीमित स्थान में ऑक्सीजन का स्तर कम होने से सांस लेने में तकलीफ और बेहोशी हो सकती है।
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ऐसे करें बचाव
कुएँ में उतरने के पहले लालटेन रस्सी से नीचे डालें यदि लालटेन बुझ जाती है तो वहाँ पर ऑक्सीजन की कमी है और वहां जहरीली गैस हैं, कुएँ के अंदर ना उतरे। यदि कोई व्यक्ति सूखे कुएं में दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो बचाव की स्थिति में तत्काल निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए।
अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें, बिना उचित प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरणों के कुएं में उतरने का प्रयास न करें। इससे आप भी खतरे में पड़ सकते हैं। तत्काल मदद के लिए कॉल करें। तुरंत आपातकालीन सेवाओं (जैसे पुलिस, अग्निशमन दल, बचाव दल) को सूचित करें। उन्हें दुर्घटना का स्थान और स्थिति की जानकारी दें। कुएं के आसपास के क्षेत्र को खाली कराएं ताकि अन्य लोग खतरे में न पड़ें।
स्थिति का आकलन करें। यदि संभव हो, तो दूर से या सुरक्षित दूरी से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की स्थिति का आकलन करें (चेतना, सांस लेना, चोटें)। आपातकालीन सेवाओं के पहुंचने पर, उनके साथ मिलकर एक सुरक्षित और प्रभावी बचाव योजना तैयार करें।
बचाव कार्य केवल प्रशिक्षित और उचित उपकरणों से लैस बचाव दल द्वारा ही किया जाना चाहिए। बचाव दल को उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) , श्वास सुरक्षा उपकरण, हार्नेस, रस्सियां और अन्य आवश्यक उपकरणों का उपयोग करना चाहिए।
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यदि संभव हो, तो कुएं के अंदर के वायुमंडल की निगरानी करें ताकि खतरनाक गैसों या ऑक्सीजन की कमी का पता चल सके। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सुरक्षित रूप से कुएं से बाहर निकालने के लिए उचित तकनीकों का उपयोग करें। इसमें रस्सियों, स्ट्रेचर या अन्य बचाव उपकरणों का उपयोग शामिल हो सकता है।