Kubereshwar Dham Sehore | जब संपूर्ण ब्रह्मांड ‘शिव-शिव’ की ध्वनि से गुंजायमान होता है, जब लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था का दीप जलाने एक स्थान पर आते हैं, तब वह स्थान केवल भूमि नहीं, बल्कि स्वयं भगवान शिव की जीवंत अनुभूति बन जाता है। यह कथा है उस पवित्र स्थान की, जहां रुद्राक्ष महोत्सव होने जा रहा है। जहां शिव पुराण का अमृतमय ज्ञान बहेगा। जहां श्रद्धा और विश्वास की तरंगें पूरे वातावरण को शिवमय बना देंगी। कुबेरेश्वर धाम, जहां भगवान शिव की कृपा अनंत रूप में बरसती है। यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र है, जहां शिव की भक्ति, ज्ञान और साधना एकाकार होते हैं। शिवलिंग के दर्शन मात्र से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, ऐसी मान्यता है। नमस्कार, स्वागत है आपका शब्द साँची के विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम में. जहां हम आध्यात्मिकता, संस्कृति और धर्म के गहन विषयों को आपके सामने लेकर आते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं उस पावन स्थान की, जहां भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम होने वाला है। तो चलिए शुरू करते हैं.
कुबेरेश्वर धाम, जहां भगवान शिव की कृपा अनंत रूप में बरसती है
इस वर्ष, इस पवित्र भूमि पर एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है, शिव पुराण कथा और रुद्राक्ष महोत्सव। यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि भक्तों के लिए शिवत्व को अनुभव करने का एक सुनहरा अवसर होगा। 25 फरवरी से 3 मार्च तक कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन होगा, जो शिव आराधना का सबसे अनमोल पर्व साबित होगा। लाखों श्रद्धालु यहां शिव पुराण कथा सुनने के लिए उमड़ेंगे। इस कथा को सुनने मात्र से जीवन के समस्त कष्ट कट जाते हैं, ऐसा शास्त्रों में वर्णन मिलता है। रुद्राक्ष केवल एक बीज नहीं, यह स्वयं भगवान शिव की ऊर्जा से ओत-प्रोत एक अमृतमय कण है। इस बार महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष वितरण नहीं होगा। प्रशासन ने भगदड़ जैसी स्थितियों से बचने के लिए यह निर्णय लिया है। श्रद्धालु भले ही रुद्राक्ष पाने की आशा लेकर आएं, लेकिन उन्हें शिव पुराण कथा सुनने का अवसर मिलेगा, जो स्वयं शिवकृपा प्राप्त करने से भी बढ़कर है।
25 फरवरी से 3 मार्च तक कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन होगा
कुबेरेश्वर धाम, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है, इस बार एक अद्वितीय आयोजन की तैयारी में जुटा है। यहां होने वाला रुद्राक्ष महोत्सव न केवल आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस महोत्सव में 25 से 30 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो इसकी भव्यता को दर्शाता है। पिछले साल रुद्राक्ष वितरण के दौरान अव्यवस्था की स्थिति बनी थी, जिससे प्रशासन को इस बार कड़े कदम उठाने पड़े। इस बार आयोजन इतना विशाल और सुव्यवस्थित होगा कि तीन बड़े डोम बनाए गए हैं, जिनमें एक लाख से अधिक श्रद्धालु एक साथ बैठकर कथा का श्रवण कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त पूरे धाम परिसर में बड़े टेंट लगाए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक भक्त कथा का लाभ ले सकें। इस बार आयोजन की सुरक्षा और सुव्यवस्था को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रशासन ने इस बार क्राउड मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया है। 100 एकड़ में पार्किंग की व्यवस्था की गई है और धाम परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एक विशेष आईटी टीम इसकी निगरानी करेगी, ताकि सभी श्रद्धालु सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से इस महोत्सव का आनंद ले सकें।