Krishna Chhathi Bhog Niyam : जन्माष्टमी के बाद छठे दिन भगवान श्री कृष्ण की छठी मनाई जाती है। आज गुरुवार को कान्हा जी की छठी मनाई गई है। लेकिन क्या आप भोग लगाने का नियम जानते हैं? दरअसल, हिंदू धर्म में किसी भी तरह की पूजा में देवी-देवताओं को भोग चढ़ाने का नियम है, जिसके बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती। भोग लगाना ही पूजा का पूरा हिस्सा है। पूजा छोटी हो या बड़ी, उसके बाद धूप-दीप के साथ भगवान को भोग प्रसाद चढ़ाया जाता है। आइये जानते हैं कि भगवान को भोग लगाने (प्रसाद चढ़ाने) के बाद क्या करना चाहिए? ख़ासकर भगवान कृष्ण को छठी में भोग लगाने के बाद भोग का क्या किया जाता है?
आज है भगवान कृष्ण की छठी
जसन्माष्टमी में लोग भगवान कृष्ण को छप्पन भोग लगाते हैं। इसके बाद कान्हा की छठी में भी दही बड़े, कढ़ी चावल, पूड़ी और माखन मिश्री का भोग लगाते हैं। अगर आप भी अपने भी लड्डू गोपाल का छठी पूजन किया है तो उनको लगाई जाने वाली भोग की थाल को रखने और हटाने के दोनों ही नियमों को जान लेना चाहिए।
भगवान को भोग इं बर्तनों में लगाएं
भगवान को भोग सोने, चांदी, लकड़ी, तांबे के बर्तन में रखना चाहिए। अगर आप इं धातुओं के बर्तन खरीदने के लिए सक्षम नहीं है तो मिट्टी के बर्तन में भोग लगाएं। स्टील के बर्तन का उपयोग नहीं करना चाहिए। भगवान को चढ़ाया हुआ भोग बाद में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
भोग लगाने के पांच मिनट बाद हटा लें
शास्त्रों में कहा गया है कि ताजा भोग बनाकर भगवान को लगाना चाहिए और साथ में जल जरूर रखना चाहिए। भोग लगाने के बाद पांच मिनट के अंदर इसे पूजा स्थान से हटा देना चाहिए। फिर उसी भोग को भगवान का प्रसाद समझकर बाँटना चाहिए। जितना अधिक लोग इसे खाएंगे, उतना ही शुभ फल मिलेगा।
प्रसाद को रात भर छोड़ने से नकारात्मकता आती है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान के सामने कई घंटे तक रखा हुआ प्रसाद नकारात्मक ऊर्जा के सम्पर्क में आ जाता है, जिससे वह अशुद्ध हो जाता है। इसलिए, भगवान को भोग लगाने के बाद इसे तुरंत हटा देना चाहिए। ऐसा कहा गया है कि यदि प्रसाद बहुत देर तक रखा रहता है, तो वह बुरी शक्तियों से प्रभावित हो सकता है, जो प्रसाद को अशुद्ध कर सकते हैं।
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