Which Vitamin Deficiency Causes Anger: गुस्सा या चिड़चिड़ापन एक सामान्य मानसिक स्थिति है, जो कई कारणों से हो सकता है, जैसे तनाव, थकान, हार्मोनल असंतुलन या पोषण की कमी। कुछ शोध और अध्ययनों के अनुसार, कुछ विटामिन्स और खनिजों की कमी से मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ सकता है। इस लेख में हम उन विटामिन्स की कमी के बारे में चर्चा करेंगे, जो गुस्से या मूड स्विंग्स को प्रभावित कर सकते हैं, और इसे कैसे सुधारा जा सकता है।
किस विटामिन की कमी से आता है गुस्सा
गुस्सा या चिड़चिड़ापन केवल मानसिक तनाव का परिणाम नहीं है, बल्कि यह विटामिन्स और खनिजों की कमी से भी हो सकता है। विटामिन B, D, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 की कमी मूड को प्रभावित कर सकती है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद के साथ इन कमियों को दूर किया जा सकता है।
विटामिन B की कमी
विटामिन B समूह, खासकर B1, B6, B9 और B12 मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनकी कमी से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे चिड़चिड़ापन, तनाव और गुस्सा बढ़ सकता है।
विटामिन B1 (थायमिन): थायमिन की कमी से थकान, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स हो सकते हैं। यह मस्तिष्क में ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी है। साबुत अनाज, नट्स, बीज, और दालें, विटामिन B1 के प्रमुख स्रोत हैं।
विटामिन B6 (पायरीडॉक्सिन): विटामिन B6 न्यूरोट्रांसमीटर जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन के उत्पादन में मदद करता है, जो मूड को स्थिर रखते हैं। इसकी कमी से अवसाद, चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ सकता है। केला, आलू, चिकन, मछली, और सूरजमुखी के बीज विटामिन B6 के प्रमुख स्त्रोत हैं।
विटामिन B9 (फोलिक एसिड): फोलिक एसिड की कमी से मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर कम हो सकता है, जिससे मूड खराब और गुस्सा बढ़ सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरा, और फलियां इत्यादि इसके प्रमुख स्त्रोत होते हैं।
विटामिन B12: यह विटामिन तंत्रिका तंत्र के कार्य को बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी से थकान, अवसाद और चिड़चिड़ापन हो सकता है। इस विटामिन के प्रमुख स्रोत- मछली, मांस, अंडे, और डेयरी उत्पाद होते हैं। इसीलिए कई बार शाकाहारी लोगों के लिए B12 सप्लीमेंट्स लेना जरूरी हो जाता है।
विटामिन D की कमी
विटामिन D, जिसे “सनशाइन विटामिन” भी कहा जाता है, मूड और मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से डिप्रेशन, चिंता और गुस्सा बढ़ सकता है। शोध बताते हैं कि विटामिन D मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को प्रभावित करता है। इसके प्रमुख स्रोत सूरज की रोशनी, मछली, अंडे की जर्दी, और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ होते हैं। इसके अलावा रोजाना 15-20 मिनट धूप में बिताने से इस कमी से निजात मिलती है।
मैग्नीशियम की कमी
मैग्नीशियम एक खनिज है, जो तनाव को कम करने और मूड को स्थिर करने में मदद करता है। इसकी कमी से चिड़चिड़ापन, तनाव और गुस्सा बढ़ सकता है। मैग्नीशियम तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और न्यूरोट्रांसमीटर के संतुलन को बनाए रखता है।
स्रोत: पालक, बादाम, काजू, साबुत अनाज, और डार्क चॉकलेट।
ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी
हालांकि ओमेगा-3 फैटी एसिड विटामिन नहीं है, लेकिन इसकी कमी भी मूड स्विंग्स और गुस्से का कारण बन सकती है। ओमेगा-3 मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और सूजन को कम करता है, जो मूड को प्रभावित कर सकता है। इसके प्रमुख स्रोत- मछली, अलसी के बीज, चिया सीड्स, और अखरोट।
विटामिन C की कमी
विटामिन C एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो तनाव को कम करने में मदद करता है। इसकी कमी से थकान और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। इसके प्रमुख स्त्रोत संतरा, नींबू, स्ट्रॉबेरी, और शिमला मिर्च।
गुस्से को नियंत्रित करने के लिए क्या करें
- संतुलित आहार लेना अत्यंत आवश्यक होता है।
- अपने आहार में विटामिन B, D, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें।
- विटामिन D की कमी को पूरा करने के लिए रोजाना धूप में समय बिताएं।
- अगर आहार से पर्याप्त पोषण नहीं मिल रहा, तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स लें।
- योग, ध्यान और व्यायाम गुस्से को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- नींद की कमी भी चिड़चिड़ापन बढ़ा सकती है, इसलिए 7-8 घंटे की नींद लें।
- अगर गुस्सा या मूड स्विंग्स बार-बार हो रहे हैं, तो डॉक्टर से जांच करवाएं।