जाने कब हुआ था राधा जी का जन्म, राधा अष्टमी पर्व पर क्या है पूजन विधान

राधा अष्टमी। माता राधा रानी का अवतरण भादौ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को माना जाता है। उस हिसाब से रविवार 31 अगस्त को राधा जी का अवतरण दिवस राधाष्टमी के रूम में मनाया जा रहा है। इस दिन राधा रानी के जन्मोत्सव की पूजा पूरे देश में धूमधाम हो रही है। खास तौर से बरसाना में तो इस पर्व के धूम की छठा ही अलग रहती है। राधा-कृष्ण के भक्त माता रानी के इस अवतरण दिवस को पूरे उत्साह और उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी किए हुए है।

जीवन में आती है सुख-समृद्धि

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन राधा रानी की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और भक्त पर राधा रानी की असीम कृपा बनी रहती है। शुभ मुहूर्त को लेकर बताया जा रहा है कि अष्टमी तिथि की शुरूआत 30 अगस्त 2025, रात 10.46 बजे से हो जाएगी और इस तिथि का समाप्त 31 अगस्त 2025, रात 12.57 बजे होगा, जबकि पूजा का शुभ समय 31 अगस्त को सुबह 11.05 से दोपहर 01.38 बजे तक रहेगा।

वैवाहिक जीवन में होगी प्रेम और शांति

श्री राधा रानी और भगवान कृष्ण को फूल, बांसुरी और भोग अर्पित करें। राधा रानी के 108 नामों का जप करें और सुख-समृद्धि की कामना करें, मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और शांति बनी रहती है। इस पावन अवसर पर अन्न, वस्त्र और धन का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन किया गया दान साधक को जीवनभर समृद्धि और सुख प्रदान करता है।

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