उत्तराखंड में UCC लागू हो गया है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक इंटरव्यू में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि ये केंद्र से जैसा निर्देश मिलेगा हम वैसे ही करेंगे। ये हमारा फैसला नहीं है. इसके अलावा इस पर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश में UCC लागू होने की जानकारी आने वाले समय में मिलेगी।
Madhya Pradesh UCC News, MP Mei UCC Kab Lagu Hoga, Uniform Civil Code In MP: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहली बार सीएम बनने के बाद पहली बार एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बेबाकी से बात की है. डॉ. मोहन से यूसीसी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जैसा केंद्र कहेगा हम वैसा करेंगे। उस आधार पर आगे बढ़ेंगे। हमारी विचारधारा सभी को पता है. हम उसी दिशा में आगे बढ़ते हैं. हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा कि यूसीसी लागू होगा कि नहीं।
वहीं ओबीसी चेहरे को लेकर उन्होंने कहा कि मैं बिहार और यूपी में जाति देखकर नहीं जाता हूं उन्होंने कहा कि मैं भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते पूरे देश में जाता हूं. हमें जहां भी मौका मिलेगा, हम वहां जाएंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हम केंद्र के निर्देश पर काम कर रहे हैं. मध्यप्रदेश में कानून का राज है. लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट होकर एक दल की सरकार बना रही है. हमें अखंड जनादेश मिल रहा है.
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने UCC पर कही बड़ी बात
UCC in MP: मध्यप्रदेश के में इस कानून को लागू होने पर बात करते हुए डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश में UCC लागू होने की जानकारी आने वाले समय में मिलेगी। अभी इस बात से संतोष करना होगा कि उत्तराखंड सरकार यह बिल ला रही है.
उत्तराखंड में लागू होगा UCC
UCC in MP: 4 फरवरी की शाम उत्तराखंड के मुख़्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पर के ड्रॉफ्ट पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में ड्रॉफ्ट को मंजूरी मिल गई है. अब इस बिल को 6 फरवरी को विधेयक के रूप में उत्तराखंड विधानसभा में पेश किया जाएगा। धामी सरकार ने साल 2022 में UCC के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था.
क्या है UCC?
What is UCC: सामान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) यानी UCC. (kya hai UCC) इसके मुताबिक पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत, बच्चा गोद लेने के नियम एक होंगे। संविधान के अनुच्छेद 44 में भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का प्रावधान लागू करने की बात कही गई है. ऐसे में एक पत्नी के रहते हुए आप दूसरी शादी नहीं कर सकते हैं. फिलहाल भारत में कई निजी कानून धर्म के आधार पर तय है.