कांग्रेस से निष्कासन के बाद आचार्य प्रमोद ने क्या कहा?

ACHARYA PRAMOD

आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 1965 को यूपी के संभल में त्यागी परिवार में हुआ था. वह दो बार कांग्रेस के टिकट से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. पार्टी ने साल 2014 में उन्हें संभल और 2019 में लखनऊ से प्रत्याशी बनाया था. दोनों बार उन्हें हार मिली।

Expulsion of Acharya Pramod: कांग्रेस ने पीएम मोदी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद आचार्य प्रमोद (Acharya Pramod) कृष्णम को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छः साल के लिए निकाल दिया है. 10 फ़रवरी को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने आचार्य प्रमोद को तुरंत छः साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसमें कहा गया है कि “यह निर्णय अनुशासनहीनता की शिकायतों और पार्टी के खिलाफ बार-बार सार्वजनिक बयानों के बाद लिया गया है”.

राम और राष्ट्र से समझौता नहीं

Expulsion of Acharya Pramod: पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद (Acharya Pramod) की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने अपने ‘X’ हैंडल पर एक पोस्ट में राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा कि ‘राम और राष्ट्र से समझौता नहीं किया जा सकता है. बता दें कि आचार्य प्रमोद लगातार सार्वजनिक मंचो पर खुलकर राहुल गांधी का विरोध करते थे और प्रियंका गांधी का पक्ष लेते थे. उनकी मांग थी कि कांग्रेस की कमान प्रियंका के हाथों में दी जानी चाहिए, तभी पार्टी का कायाकल्प संभव है. बीते कुछ दिनों से वह भाजपा के प्रति सहानभूति भी दिखा रहे हैं.

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने 22 जनवरी को अयोध्या भी गए थे आचार्य प्रमोद

Expulsion of Acharya Pramod: राम मंदिर उद्घाटन के समय भी आचार्य प्रमोद पार्टी लाइन से इतर जाकर भाजपा का समर्थन किया था. उन्होंने भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार करने के कांग्रेस के फैसले की खुलकर आलोचना की थी और इसे दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया था. वह प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने 22 जनवरी को अयोध्या भी गए थे. आचार्य प्रमोद ने बीते दिनों पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें 19 फरवरी को कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में संभल आने का निमंत्रण दिया था. वह कल्कि धाम के पीठाधीश्वर भी हैं.

जन्म होते ही I.N.D.I.A गठबंधन बीमार होकर ICU में चला गया

Expulsion of Acharya Pramod: पीएम मोदी से मुलाकात के बाद आचार्य प्रमोद ने कहा था, कि उनसे मिलने के बाद मुझे एहसास हुआ कि उन पर दैवीय कृपा है. वह दैवीय शक्ति के प्रतीक हैं. पीएम से मिलकर मुझे जो अनुभूति हुई, उसे शब्दों में बयां नहीं जा सकता। I.N.D.I.A अलायंस बचा ही कहां हैं. जन्म होते ही यह गठबंधन बीमार होकर ICU में चला गया. इसके बाद पटना में नीतीश कुमार ने इसका अंतिम संस्कार कर दिया। जयंत चौधरी जल्द ही I.N.D.I.A गठबंधन का श्राद्ध कर देंगे।

जानिए आचार्य प्रमोद कृष्णम के बारे में

आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 फरवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल में त्यागी (ब्राह्मण) परिवार में हुआ था. वह दो बार कांग्रेस के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. पार्टी ने साल 2014 में उन्हें संभल और 2019 में लखनऊ से प्रत्याशी बनाया था. दोनों ही बार उन्हें हार मिली। वह कांग्रेस की यूपी सलाहकार परिषद का हिस्सा थे, जिसका गठन तत्कालीन यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की मदद के लिए किया गया था.

आचार्य प्रमोद के कांग्रेस से नाराज होने का एक कारण समाजवादी पार्टी का संभल और लखनऊ दोनों सीटों पर 2024 में अपने उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा को माना जा रहा है. बता दें कि सपा इंडिया गठबंधन का हिस्सा है और यूपी में 2024 के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है. हालांकि जिस तरह से I.N.D.I.A गठबंधन चुनाव से पहले धीरे-धीरे बिखर रहा है, तो इस पर देखना होगा कि क्या सपा कांग्रेस के साथ अंत तक खड़ी रहती है या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *