जानें विटामिन A की कमी के लक्षण और उसके प्राकृतिक स्त्रोत

Vitamin A Deficiency: विटामिन A हमारे शरीर की दृष्टि, त्वचा और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसकी कमी से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन संतुलित आहार द्वारा इसकी पूर्ति आसानी से की जा सकती है। हरी सब्जियाँ, गाजर, दूध, अंडे आदि को नियमित आहार में शामिल करके, इसकी कमी को दूर कर, एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।

क्या है विटामिन A

विटामिन A एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो शरीर के समुचित विकास, प्रतिरक्षा प्रणाली की मजबूती और आंखों की सेहत के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह विशेष रूप से विजन को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेषकर रात्रि दृष्टि में। इसके अलावा यह त्वचा, कोशिकाओं, हड्डियों और प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य में भी योगदान देता है।

विटामिन A की कमी के लक्षण

यदि शरीर में विटामिन A की कमी हो जाए, तो यह कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। इसके कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं-

  • रात में देखने में दिक्कत, जिसे रतौंधी कहा जाता है। यह सबसे आम और शुरुआती लक्षण होता है, जिससे व्यक्ति को रात या कम रोशनी में देखने में कठिनाई होती है।
  • आंखों में सूखापन की समस्या हो जाती है। आंखों की नमी खत्म होने लगती है और उनमें जलन या संक्रमण होने लगता है।
  • विटामिन A की कमी से कई त्वचा संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं। जैसे- त्वचा रूखी और खुरदरी हो सकती है। पपड़ीदार त्वचा या मुंहासे भी हो सकते हैं।
  • विटामिन A की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिसके कारण शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है, जिससे बार-बार सर्दी, खांसी या संक्रमण हो सकता है।
  • इस विटामिन की कमी से बालों की झड़ने की समस्या भी होने लगती है, क्योंकि विटामिन A की कमी बालों की जड़ों को कमजोर बना सकती है।
  • विटामिन A की कमी से बच्चों का शारीरिक विकास भी धीमा हो सकता है।

    विटामिन A के प्राकृतिक स्रोत

    विटामिन A दो प्रकारों से पाया जाता है। पहला होता है प्रीफॉर्म्ड विटामिन A, यह मुख्यतः पशु उत्पादों में मिलता है, जो शरीर द्वारा सीधे अवशोषित किया जा सकता है। इसके प्रमुख स्त्रोत होते हैं- मछली, अंडा, दूध-दही समेत अन्य डेयरी उत्पाद।

    विटामिन A का दूसरा प्रकार होता है प्रोविटामिन A, जिसे Beta-Carotene भी कहते हैं। यह मुख्यतः पौधों में पाया जाता है, जिसे शरीर विटामिन A में बदलता है। इसके प्रमुख स्त्रोत होते हैं- पालक, मेथी और दूसरी हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गाजर, शक्करकंद, पपीता, आम, खूबानी, शिमला मिर्च और कद्दू समेत अन्य हरी सब्जियां।

    अधिक विटामिन A भी हानिकारक

    विटामिन A की अधिक मात्रा, विशेष रूप से सप्लीमेंट के रूप में विषाक्तता, जिसे Hypervitaminosis A कहते हैं, उसका कारण बन सकती है। जिससे सिरदर्द, चक्कर, उल्टी और लीवर की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही सप्लीमेंट लेना चाहिए।

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