STF की पूछताछ में राजीव ने बताया कि रीवा के महादेव शिव शक्ति रिसॉर्ट में 300 कैंडिडेट्स को एक साथ बैठाकर पुलिस का पेपर पढ़वाया था. हर कैंडिडेट्स से 7 लाख रुपए में डील हुई थी. कुछ कैंडिडेट्स ने रूपए दे दिए थे, जो नहीं दे पाए थे. उनके ओरिजनल डाक्यूमेंट रख लिए थे.
UP Constable Paper Leak Case, UP Constable Examination: यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा को अरेस्ट कर लिया गया है. मेरठ एसटीएफ राजीव नयन को 2 अप्रैल की रात नोएडा से गिरफ्तार कर कंकरखेड़ा थाने लाई है. बता दें कि राजीव पहले भी NHM घोटाले में ग्वालियर और यूपी टेट पेपर लीक में कौशांबी से जेल जा चुका है. STF ASP बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि 2 अप्रैल की शाम एसटीएफ को इनपुट मिला था कि पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कराने वाला राजीव नयन मिश्रा नोएडा में है. इसके बाद टीमें अलर्ट हुईं और और नोएडा पहुंची। नोएडा के परी चौक से STF ने राजीव को अरेस्ट कर लिया।
रीवा में लीक हुआ था पेपर
STF की पूछताछ में राजीव ने बताया कि रीवा के महादेव शिव शक्ति रिसॉर्ट में 300 कैंडिडेट्स को एक साथ बैठाकर पुलिस का पेपर पढ़वाया था. हर कैंडिडेट्स से 7 लाख रुपए में डील हुई थी. कुछ कैंडिडेट्स ने रूपए दे दिए थे, जो नहीं दे पाए थे. उनके ओरिजनल डाक्यूमेंट रख लिए थे.
कौन दिया था राजीव को भर्ती पेपर?
ASP के मुताबिक राजीव ने बताया कि रवि अत्रि ने ही उसे फोन पर ऑफर दिया था कि यूपी पुलिस भर्ती का पेपर पढ़वाना है. मैं तुम्हें पेपर दूंगा तुम मध्यप्रदेश में इसे पढ़वाना और पैसा कमाना। कैंडिडेट्स से 5 से 7 लाख रूपया लेना है. जो पैसा मिलेगा उसे दोनों बांटेंगे।
कैसे लीक हुआ था पेपर
यूपी पुलिस भर्ती पेपर की छपाई अहमदाबाद की प्रिंटिंग प्रेस में हुई. छपे पेपर यूपी भेजने के लिए ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया को ठेका दिया गया. TCI में काम वाले शिवम गिरि और रोहित पांडेय नकल माफिया गैंग मे मिले गए. पहले TCI में काम कर चुका प्रयागराज का अभिषेक भी नकल माफिया गैंग में था. अभिषेक ने शिवम और रोहित से संपर्क किया और पेपर आउट कराने के बदले उन्हें पैसे देने का ऑफर दिया।
2 फरवरी को TCI कंपनी के दोनों कर्मचारियों शिवम और रोहित ने अभिषेक को फोन करने बताया कि पेपर प्रिंट होकर ट्रांसपोर्ट कंपनी में आ चुके हैं. दोनों में सील्ड पेपर बॉक्स के फोटो खींचकर अभिषेक को भेजे। इसके बाद अभिषेक पटना के डॉक्टर शुभम मंडल और अन्य लोगों के साथ 5 फरवरी को अहमदाबाद पहुंचा।
डॉक्टर शुभम मंडल और TCI के दोनों कर्मचारी ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम में अंदर गए, जहां पेपर रखे हुए थे. कर्मचारी एक बॉक्स को उठाकर ऐसी जगह पर ले गए, जहां CCTV कैमरा की कवरेज नहीं थी. उन्होंने उस बॉक्स को पीछे की तरफ से तोड़ा, क्योंकि आगे की तरफ सील लगी हुई थी. इसके बाद 18 फरवरी को होने वाले पेपर के 2 सेट निकाले। मोबाईल से उनकी फोटो खींच ली. इसी तरह 8 फरवरी को भी एक बॉक्स तोड़ा गया पेपर का फोटो खींचा गया.
इस काम के बदले शिवम को 3 लाख और रोहित को ढाई लाख रुपए दिए गए. कुछ पैसे बाद में देने की बात भी तय हुई. STF ने रोहित पांडेय निवासी मिर्जापुर, शिवम गिरि निवासी भदोही और अभिषेक शुक्ला निवासी प्रयागराज को गिरफ्तार कर लिया था. इसके अलावा पटना के डॉक्टर शुभम मंडल को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था.