Business Loan: आज के दौर में हर कोई कुछ न कुछ बिजनेस करना चाहता है. ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी समस्या आती है पैसे की जी हां आर्थिक समस्या के कारण वो बिजनेस नहीं कर पाते हैं ऐसे में आज हम आपको ऐसे लोन के बारे के बारे में बतायेंगे जो आपको बिना गारंटी के मिल जायेगा.
बाजारों और चौराहों पर रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने वाले रेहड़ी-पटरी विक्रेता लंबे समय तक पहचान, पूंजी और सामाजिक सुरक्षा की कमी से जूझते रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान यह संकट और गहरा हो गया.
कौन सी है यह योजना
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना, अब सिर्फ राहत योजना नहीं रह गई है, बल्कि लाखों छोटे कारोबारियों के लिए विकास और आत्मनिर्भरता का माध्यम बन चुकी है. गौरतलब है कि, हाल ही में केंद्र सरकार ने इस योजना को नया रूप देते हुए इसकी अवधि 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दी है, जिससे देशभर के स्ट्रीट वेंडर्स को लंबे समय तक लाभ मिल सकेगा.
लोन की सीमा बढ़ी
PM स्वनिधि योजना के पुनर्गठन के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को मिलने वाली वित्तीय मदद को और मजबूत किया गया है. पहले चरण में मिलने वाला बिना गारंटी लोन अब 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिया गया है. वहीं, दूसरे चरण में यह राशि 25 हजार और तीसरे चरण में 50 हजार रुपये तक पहुंच गई है. बता दें कि समय पर लोन चुकाने वाले विक्रेताओं को यूपीआई से जुड़ा रुपये क्रेडिट कार्ड भी मिलेगा, जिससे अचानक जरूरत पड़ने पर तुरंत धन उपलब्ध हो सकेगा. इसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को उधार देने वालों पर निर्भर न रहना पड़े.
डिजिटल भुगतान और कौशल विकास पर जोर
अब एक खास बात आपको बताएं कि इस नई स्वनिधि योजना में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए कैशबैक की सुविधा भी शामिल की गई है. रोजमर्रा की डिजिटल बिक्री पर सालाना 1200 रुपये तक और थोक खरीद पर अलग से कैशबैक दिया जा रहा है. इसके साथ ही योजना के दायरे को महानगरों से आगे बढ़ाकर छोटे शहरों, कस्बों और सेमी-अर्बन इलाकों तक फैलाया जा रहा है. सरकार का फोकस अब केवल लोन देने तक सीमित नहीं है, बल्कि वित्तीय साक्षरता, डिजिटल भुगतान, मार्केटिंग और उद्यमिता कौशल सिखाने पर भी है. स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को fssai के सहयोग से स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा की ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
सामाजिक सुरक्षा से जुड़ाव
PM स्वनिधि योजना के स्वनिधि से समृद्धि घटक के जरिए रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं और उनके परिवारों को बीमा, पेंशन, राशन और मातृत्व लाभ जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2025 तक एक करोड़ से ज्यादा बिना गारंटी लोन वितरित किए जा चुके हैं, जिससे लाखों विक्रेताओं की आजीविका मजबूत हुई है.
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