Kishtwar Cloudburst : उत्तराखंड के धराली के बाद जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने से तबाही मच गईं। इस हादसे के प्रत्यक्षदर्शीयों ने बताया कि महज दो मिनट में सब कुछ बह गया। इस हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है। 200 लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने मलबे के अंदर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।
100 लोग अभी भी लापता हैं
बता दें कि शुक्रवार को बहुत से लोग मदद और बचाव का काम कर रहे हैं। किश्तवाड़ में बादल फटने से बड़ी तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। इस हादसे में करीब 200 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। इनमें 100 से अधिक जम्मू और किश्तवाड़ के अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 100 लोग अभी लापता हैं।
हादसे में 5000 लोगों की बची जान
अधिकारियों के अनुसार, एक ढाबे से ही मलबे में दबे 15 लोगों के शव मिले हैं। यात्रा मार्ग पर सेना और अन्य जवानों ने टूटे पुल के जगह पर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाया और रस्सियों से एक-एक कर लोगों को बाहर निकाला। करीब पांच हजार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
पीड़ित बोले – बादल फटते ही धमाके की आवाज आई
एक पीड़ित ने बताया कि हम वहीं थे… अचानक एक धमाके जैसी आवाज आई और बादल फटने के बाद हम वहां से निकलने लगे। लेकिन 2 मिनट के अंदर ही वहां 4 फीट मलबा आ गया। हम कुछ लोगों को बचा पाए, लेकिन कुछ लोग फंस गए। हम 11 लोग थे, हम सुरक्षित हैं, लेकिन मेरी बेटी और मेरी पत्नी मलबे में फंस गए थे, और अब उनकी हालत स्थिर है।
पीड़िता बोली- मैं कार में और मां बिजली के खंभे में
बचाए जाने के बाद किश्तवाड़ में अचानक आई बाढ़ के एक पीड़िता ने कहा कि जब बादल फटा, तो हम उड़ गए और मैं एक कार के नीचे फंस गई… मेरी मां एक बिजली के खंभे के नीचे फंस गई। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और सेना और सीआरपीएफ के वाहन तुरंत पहुंच गए।